MP News : इंदौर में ट्रैफिक सिग्नल चौराहों पर लग रहे विज्ञापनों से भरे होर्डिंग्स पर द सूत्र द्वारा लगातार मुद्दा उठाने के बाद रोक लग चुकी है। इसके साथ ही महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने एक और पहल करते हुए इसे लेकर मेयर काउंसिल में पूरी नीति ही तय कर दी और इसके लिए प्रस्ताव पास कर दिया। इससे आमजन को जहां छांव मिलेगी, वहीं अन्य सुविधाएं भी देने की बात कही गई है। साथ ही अवैधानिक विज्ञापन, होर्डिंग्स पर रोक लगेगी।
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महापौर काउंसिल में यह लिया गया फैसला
इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव, इंदौर निगमायुक्त शिवम वर्मा के साथ ही MIC मेंबर की उपस्थिति में प्रस्ताव पास हुआ। महापौर ने कहा कि गर्मी के मौसम में जब शहर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है, ऐसे में ट्रैफिक सिग्नलों पर रुकने वाले नागरिकों को तेज धूप में खड़ा रहना पड़ता है। इसे देखते हुए छांव जरूरी है। प्रस्ताव के तहत नगर निगम द्वारा जन सहयोग से ट्रैफिक सिग्नलों पर अस्थाई छांव (शेड) उपलब्ध कराने हेतु शहर के सामाजिक संगठनों, संस्थाओं एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सहभागी बनाते हुए 28 प्रमुख ट्रैफिक सिग्नलों पर छांव और पेयजल की व्यवस्था की अनुमति दी गई है।
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विज्ञापन नहीं करेंगे, केवल यह लिखेंगे
महापौर ने प्रस्ताव में साफ तौर पर कर दिया कि- इस योजना के अंतर्गत संबंधित संस्थाएं शेड के आगे और पीछे "सौजन्य से" अपने संगठन या संस्थान का नाम और लोगो प्रदर्शित कर सकेंगी। इसके साथ-साथ नगर निगम इंदौर का नाम एवं लोगो भी स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। यह स्पष्ट किया गया है कि इस योजना के अंतर्गत किसी भी प्रकार का वाणिज्यिक विज्ञापन या निजी कंपनी का प्रचार नहीं किया जा सकेगा। निगमायुक्त शिवम वर्मा ने इसके लिए साफ किया कि कोई विज्ञापन काम को मंजूरी नहीं दी जाएगी। ऐसा होने पर इन्हें हटवा दिया जाएगा।
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छावं के साथ पेयजल भी होगा
इंदौर महापौर ने कहा कि इन छांव स्थलों पर निशुल्क पेयजल की सुविधा भी नागरिकों को उपलब्ध कराई जाएगी। इच्छुक सामाजिक संगठन या व्यापारिक प्रतिष्ठान अपनी सहभागिता दर्ज कराकर इस सेवा में योगदान दे सकते हैं। जन सहयोग से निर्मित इन संरचनाओं की सफाई, स्वच्छ जल की आपूर्ति एवं रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित संस्था की होगी। नगर निगम आवश्यकता पड़ने पर जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु संबंधित संस्थान से परीक्षण प्रमाण पत्र भी प्राप्त कर सकेगा।
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कमेटी भी करेगी जांच
इस योजना के सुचारु संचालन और निगरानी के लिए एक समिति का गठन भी किया गया है। समिति में निरंजन सिंह चौहान एवं नंदकिशोर पहाड़िया को सदस्य बनाया गया है। अन्य अधिकारियों के नाम नगर निगम आयुक्त द्वारा शीघ्र घोषित किए जाएंगे। यह समिति निर्माण स्थलों की उपयोगिता, स्वच्छता तथा सेवाओं की गुणवत्ता की नियमित समीक्षा करेगी। यदि संस्थाओं द्वारा यह जनसेवा बिना कमर्शियल रिटर्न के मंशा की जाती है तो महापौर की यह पहल यह निश्चित ही वाहन चालकों को भारी राहत देगी और इंदौर में जनभागीदारी का नया माडल सामने आएगा।