इंदौर के मित्र के रूप में पुकारे जाने वाले महापौर पुष्यमित्र भार्गव की संस्था के एक पोस्टर के बाद सवाल उठने लगा है कि ऐसा क्यों हो रहा है। यह पोस्टर किसी और के नहीं बल्कि शहीद क्रांतिकारी भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु के हैं। जिनका आज यानी 23 मार्च रविवार को शहीद दिवस है। बता दें कि यह पोस्टर शौचालयों के बाहर लगे हैं।
महापुरुषों को शौचालयों में सुशोभित कर दिया
दरसअल, अधिवक्ता दीपक चौहान ने अपने फेसबुक पर शौचालय के बाहर लगे मशाल यात्रा के पोस्टर डाले। यह मशाल यात्रा महापौर पुष्यमित्र भार्गव की संस्था द्वारा ही रविवार शाम को निकाली जा रही है। अधिवक्ता चौहान ने फोटो डालते हुए लिखा है कि माननीय महापौर पुष्यमित्र भार्गव जी भाईसाहब, जूही भाभी जी, गौर से देखिए इस चित्र में... तीनों महापुरुषों की दिख रही आंखे नम है, क्योंकि इन्हें शौचालयों में सुशोभित किया गया है। कृपया इस पर संज्ञान लेकर इस पोस्टर को हटाएं।
महापौर इस तरह से जुड़े
यह यात्रा 23 मार्च रविवार को शाम 6 बजे संत सेवालाल चौराहा (फूटी कोठी) से महाराणा प्रताप चौराहा तक निकलने वाली है। पोस्टर पर इसके साथ ही लिखा है कि निवेदक संस्था संघमित्र एवं जागृत युवा संगठन। संरक्षक- पुष्यमित्र भार्गव (महापौर इंदौर)
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महापौर परिषद में भी उठा था मुद्दा
इसके पहले 24 दिसंबर 2024 को इंदौर नगर निगम के सम्मेलन में शौचालयों के बाहर पोस्टर को लेकर पार्षद रुबीना इकबाल खान ने मुद्दा उठाया था। उन्होंने इस दौरान कहा था कि जगह-जगह शहर में पोस्टर लगे हैं जो शहर को बदरंग कर रहे हैं। महापौर जी आपके पोस्टर तो शौचालयों के बाहर टंगे हैं, आपको क्या बदबू नहीं आती है।
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तब महापौर ने यह किया था वादा
इस दौरान महापौर ने कहा था कि उन्होंने किसी को भी पोस्टर लगाने के लिए नहीं कहा है। मेरे जन्मदिन के लिए भी मैं निगम अधिकारियों से कह रहा हूं कि जहां भी मेरे भी पोस्टर लगे मिले उन्हें हटा दीजिए। इसके बाद उनके आवास के पास लगे आदमकद पोस्टर को हटाया गया और इसका प्रचार भी जमकर हुआ कि महापौर ने ही अपने पोस्टर हटवा दिए।
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क्या शौचालयों के बाहर पोस्टर गलत है
शौचालयों के बाहर पोस्टर के लिए निगम से टेंडर हुए हैं, इसमें कंपनी के पास शौचालयों को बनाने और राजस्व के लिए होर्डिंग, पोस्टर से आय का अधिकार दिया गया था। यानी कानूनी तौर पर यह पोस्टर वैध है। लेकिन महापुरुषों, क्रांतिकारियों के इस पोस्टर से लोगों की भावनाएं आहत हुई है। जबकि खुद यह आयोजन महापौर से जुड़ी संस्था ही करा रही है तो ऐसे में सवाल उठ रहे हैं। एक और उनकी याद में मशाल यात्रा हो रही है वहीं उनके पोस्टर शौचालयों के बाहर चस्पा किया गया है।
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