इंदौर मेट्रो के बंगाली चौराहे से एयरपोर्ट के रूट को लेकर सालों से चल रहा विवाद अब समाप्ति की ओर दिख रहा है। सर्वे के बाद तय हुआ है कि इस रूट को अंडरग्राउंड किया जाएगा, इससे एमजी रोड को नुकसान नहीं होगा, जो सबसे बड़ी पीड़ा थी। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि एमजी रोड पर किसी तरह की छेड़खानी हो और परेशानी आए। सर्वे रिपोर्ट के बाद सभी से सुझाव लेकर आगे बढ़ेंगे।
सर्वे को लेकर पूर्व स्पीकर को एमडी के भेजे पत्र से खुलासा
इंदौर मेट्रो के रूट को लेकर पूर्व एमडी सीबी चक्रवर्ती द्वारा पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को 16 अगस्त लिखे गए पत्र से यह खुलासा हुआ है। पत्र में मेट्रो को हाई कोर्ट या रीगल तिराहा के बजाय बंगाली चौराहा से ही अंडरग्राउंड किए जाने का फैसला लेने की बात कही गई है। पत्र के अनुसार, बंगाली चौराहा, पत्रकार कॉलोनी चौराहा और पलासिया के स्टेशन अब अंडरग्राउंड ही होंगे। एमजी रोड से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
लागत में होगा 1600 करोड़ का इजाफा
हालांकि इसके चलते मेट्रो की लागत करीब 1600 करोड़ बढ़ जाएगी। जब नवंबर 2018 में इस प्रोजेक्ट को केंद्र ने मंजूर किया था तब 31.55 किमी लंबे इस प्रोजेक्ट की कीमत 7500 करोड़ रुपए आंकी गई थी। हालांकि इस पर मंजूरी मिलने के बाद अब किसी तरह की बाधा इस प्रोजेक्ट में नहीं रहेगी। गांधी नगर से रोबोट चौराहा तक मेट्रो का काम चल रहा है। एलिवेटेड कॉरिडोर बन चुका है।
मंत्री विजयवर्गीय ने बुलाई थी बैठक
खजराना और उसके आगे कनाड़िया रोड पर काम शुरू होने के पहले जनप्रतिनिधियों ने रूट पर आपत्ति ली थी। मंत्री विजयवर्गीय ने जून माह में सभी की बैठक बुलाकर एक महीने में दोबारा सर्वे करने और अन्य विकल्पों पर विचार करने के लिए कहा था। मंत्री ने तब साफ कहा था कि वर्तमान प्लान से सभी जनप्रतिनिधि नाखुश है, शहर का हित होना चाहिए, भले ही विकल्प बदलने से कितना भी नुकसान क्यों ना हो। मेट्रो के लिए पूरे शहर को सजा नहीं दे सकते हैं।
बैठक में इस रूट के आए थे सुझाव
17 जून 2024 को हुई बैठक में जनप्रतिनिधियों ने कनाडिया रोड और एमजी रोड पर होने वाले नुकसान को देखते हुए दोबारा सर्वे के निर्देश दिए। अफसरों ने रिंग रोड पर पीपल्याहाना और कृषि कॉलेज, शिवाजी वाटिका और आगे के विकल्प भी तलाशे, लागत बढ़ने से बात नहीं बनी। अब सर्वे के बाद बंगाली चौराहा से पलासिया तक मेट्रो को अंडर ग्राउंड करने की तैयारी है। खजराना से बंगाली चौराहा के बीच ग्रीन बेल्ट की जमीन पर कॉरिडोर बना सकते हैं।
केंद्र को जाएगा अब प्रस्ताव
3.6 किमी के मार्ग को अंडर ग्राउंड करने का प्रस्ताव अब केंद्र व राज्य सरकार व लोन एजेंसी को भेजा जाएगा। मेट्रो ट्रेन का दिसंबर 2024 तक सुपर कॉरिडोर पर कमर्शियल रन शुरू करने का लक्ष्य है। गांधी नगर से रोबोट चौराहा के 17.5 किमी लंबे एलिवेटेड ट्रैक पर मार्च 2025 तक कमर्शियल रन शुरू करने का लक्ष्य है। रोबोट चौराहा तक सिविल वर्क तो तेजी से किया गया लेकिन उसके बाद रूट को लेकर हुए संशय के कारण काम रुक गया।
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