INDORE : मप्र में अधिकारियों और पदों पर बैठे जिम्मेदारों को हाईकोर्ट के आर्डर नहीं मानने की आदत सी होती जा रही है। मंगलवार को ही हाईकोर्ट ने पांच आईएएस को आर्डर नहीं मानने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। अब बुधवार 14 अगस्त को मामला इंदौर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित का आया। बीते दिनों मेडिकल स्टूडेंट के दस्तावेज लौटने के आदेश हुए लेकिन डीन साहब ने नहीं माने।
हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
बुधवार को जवाब देना था, लेकिन डीन नहीं पहुंचे। कोर्ट ने वकील की दलील को खारिज करते हुए डीन को फटकार लगाई और दोपहर में कोर्ट में पेश होने के लिए कहा। अगर डीन कोर्ट में उपस्थित नहीं होते तो उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी होगा। दोपहर में सुनवाई से पहले डीन हाईकोर्ट पहुंचे और माफी मांग मेडिकल स्टूडेंट के डॉक्यूमेंट्स लौटाए।
दस्तावेज के लिए मांगे थे 30 लाख रुपए
छात्रा शुभांगी राज ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज में 2022 में एडमिशन लिया था। शुभांगी को एमएस की सीट मिली। ये कोर्स 2 साल का होता है। 2024 में कोर्स पूरा हो जाता। किसी कारणवश शुभांगी को कोर्स बीच में ही छोड़ना पड़ा। वो पढ़ाई पूरी नहीं कर सकी। अगस्त में फिर से प्री-पीजी एग्जामिनेशन आ रहा है। इस बीच स्टूडेंट शुभांगी एमजीएम मेडिकल कॉलेज अपने डॉक्यूमेंट लेने गई। कॉलेज प्रशासन की तरफ से कहा गया कि रूल्स के हिसाब से आपको 30 लाख रुपए जमा करने पड़ेंगे तभी डॉक्यूमेंट दिए जाएंगे।
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी नहीं लौटाए दस्तावेज
इंदौर हाईकोर्ट ने 18 जुलाई को एमजीएम मेडिकल कॉलेज डीन संजय दीक्षित को 30 लाख रुपए लिए बिना छात्रा शुभांगिनी राज के दस्तावेज लौटाने के निर्देश दिए थे। फिर 24 जुलाई को डीएमई ने डीन एमजीएम कॉलेज को हाई कोर्ट के निर्देशानुसार काम करने के आदेश दिए लेकिन फिर भी डीन दीक्षित ने छात्रा के दस्तावेज वापस नहीं किए। इस पर छात्रा की तरफ से अवमानना याचिका हाई कोर्ट में लगाई गई। सुनवाई के लिए 14 अगस्त तारीख तय हुई लेकिन डीन पेश नहीं हुए। छात्रा के वकील आदित्य संघी ने कोर्ट को बताया कि डीन के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा अवमानना के मामले इसी कोर्ट में है।
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