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आमीन हुसैन, रतलाम : मध्य प्रदेश के रतलाम जिले की आलोट विधानसभा सीट के पूर्व विधायक मनोज चावला को इंदौर एमपी एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया है। आलोट के बहुचर्चित खाद लूट मामले में पूर्व विधायक मनोज को राहत दी गई है। आपको बता दें कि चावला विधानसभा चुनाव हारने के बाद बीजेपी में शामिल हो गए थे।
दरअसल, आलोट विधानसभा के पूर्व कांग्रेस विधायक मनोज चावला ने शटर उठाकर खाद की लूट करवाई थी, जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में रहा था। इस मामले में पूर्व विधायक फरार भी हो गए थे। मामले में जमानत मिलने के बाद मामला कोर्ट में विचाराधीन था। इसी बीच 2023 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर आलोट विधानसभा से चुनाव लड़ा और हार गए। चुनाव हारने के बाद चावला भाजपा में शामिल हो गए, जिसे सार्वजनिक चर्चा में इस मामले से जोड़कर देखा जा रहा था।
दरअसल, आलोट विधानसभा के पूर्व कांग्रेस विधायक मनोज चावला ने शटर उठाकर खाद की लूट करवाई थी, जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में रहा था। इस मामले में पूर्व विधायक फरार भी हो गए थे। मामले में जमानत मिलने के बाद मामला कोर्ट में विचाराधीन था। इसी बीच 2023 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर आलोट विधानसभा से चुनाव लड़ा और हार गए। चुनाव हारने के बाद चावला भाजपा में शामिल हो गए, जिसे सार्वजनिक चर्चा में इस मामले से जोड़कर देखा जा रहा था।
साल 2022 में लूटा था यूरिया
जिले के ताल रोड स्थित खाद बिक्री केंद्र के सरकारी गोदाम पर 10 नवंबर 2022 को सर्वर डाउन होने से पीओएस मशीन काम नहीं कर रही थी, इसलिए किसानों ने यूरिया न मिलने पर हंगामा शुरू कर दिया। इसी बीच पूर्व विधायक मनोज चावला और उनके साथी वहां पहुंचे और गोदाम का शटर खोलकर किसानों से यूरिया लेने को कहा। इसके बाद किसानों ने यूरिया लूट लिया।
30 दिन से अधिक जेल में रहे
इस पूरे मामले में डकैती का मुकदमा दर्ज होने के बाद पूर्व विधायक मनोज चावला 30 दिन से अधिक समय तक जेल में रहे। कांग्रेस नेता योगेंद्र सिंह जादौन 96 दिन तक जेल में रहे। पूर्व विधायक मनोज चावला, कांग्रेस नेता योगेंद्र सिंह जादौन, नाहर सिंह निवासी गरड़ा, बालू सिंह निवासी निपानिया राजगुरु, तंवर सिंह निवासी हनुमंतिया को बरी कर दिया गया।
शिकायतकर्ता ने लगाई फांसी
डकैती मामले में शिकायतकर्ता रहे वेयरहाउस प्रभारी भगत राम जिन्होंने आलोट विधानसभा से पूर्व कांग्रेस विधायक मनोज चावला और उनके साथियों के खिलाफ डकैती का मामला दर्ज कराया था। भगत राम ने वेयरहाउस कार्यालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उनकी पत्नी के अनुसार उन्होंने बताया था कि खाद लूट की घटना के बाद से वे तनाव में रह रहे थे।