इंदौर नगर निगम का बजट मंगलवार (30 जुलाई) को पेश हो रहा है। यह बजट करीब 7800 करोड़ रुपए का है। इस बजट में कई विकास कामों को मंजूरी दी जाएगी, जिसमें सबसे अहम नर्मदा का चौथा चरण है। वहीं आम नागरिक पर टैक्स का बोझ बढ़ना तय है।
जलकर और संपत्तिकर में इतनी बढ़ोतरी
जलकर में करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी होना है। इसे 200 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए प्रति माह किया जाना प्रस्तावित है। मप्र में पहले से ही इंदौर नगर निगम प्रति माह सबसे ज्यादा जलकर लेने वाला निगम है। जबकि इसके बदले में वह महीने के केवल 15 दिन ही जल देता है।
संपत्ति कर में भी करीब 8 से 10 फीसदी की बढोतरी होने जा रही है। इसके पहले नगर निगम ने कॉलोनियों के रेट जोन में बदलाव कर पहले ही बोझ बढ़ा दिया था और अब इसमें दरों में भी बढ़ोतरी का प्रस्ताव है।
कचरा शुल्क व्यावसायिक में ही बढ़ोतरी
कचरा शुल्क सभी संपत्ति पर बढ़ना चाहिए या केवल व्यावसायिक पर, इसे लेकर अभी असमंजस है। पहले प्रस्ताव था प्लाट एरिया के हिसाब से कचरा शुल्क को आवासीय और व्यावसायिक दोनों में ही बढोतरी की जाए। लेकिन अब संशोधन करते हुए इसे व्यावसायिक संपत्ति के लिए ही बढाने की बात सामने आई है।
सिंहस्थ पर विशेष नजर, सभी एसटीपी पर काम होगा
सिंहस्थ को देखते हुए कान्ह नदी की सफाई पर फोकस रहेगा और सभी एसटीपी प्लांट स्थापित और चालू करने का अहम प्रस्ताव है।
आईटी के लिए प्रावधान, खासकर पोर्टल बनाने की मंजूरी व अन्य काम के लिए अतिरिक्त बजट रखा जाएगा
वेस्ट एनर्जी प्लान भी रखा गया।
आमजन के लिए नर्मदा का चौथा चरण अहम
वहीं इसमें नगर निगम हर दिन जल प्रदाय देने और जलसंकट को दूर करने के लिए नर्मदा का चौथा चरण ला रहा है। इसके लिए 800 करोड़ का कर्जा IFC से लिया जाएगा। इसके पूरा होने पर इंदौर को 836 एमएलडी पानी मिलेगा। इसके लिए 32 नई टंकियां भी बनेंगी।
चौथा चरण लाने के साथ ही पहले, दूसरे और तीसरे चरण की खराब लाइंन का भी रखरखाव, सुधार किया जाएगा। यह कुल प्रोजेक्ट 1900 करोड़ रुपए का है। इसके लिए दिसंबर 2026 तक कार्य पूरा होने की समयसीमा रखी गई है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर नगरीय सीमा में आए नए गांव, रिंग रोड व बायपास पर हो रही नई बसाहट तक भी नर्मदा लाइन पहुंच सकेगी। यह योजना साल 2050 तक की जलआपूर्ति आवश्यकता को देखते हुए बनाई गई है।
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