इंदौर निगम में सोशल मीडिया हैंडलिंग के नाम पर 3 करोड़ से इमेज चमकाने की तैयारी

इंदौर की प्रिया इंवेट्स कंपनी को यह ठेका मिला है। इसके कर्ताधर्ता निमेश पिटालिया है। मूल रूप से यह कंपनी इवेंट कराने के लिए जानी जाती है। लेकिन अब इस कंपनी को नगर निगम का सोशल मीडिया हैंडलिंग करने का ठेका दिया जा रहा है।

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Sanjay gupta
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INDORE.  इंदौर नगर निगम में 150 करोड़ के फर्जी बिल कांड का मामला अभी ठंडा ही नहीं हुआ है और अब एक नए खेल की बिछात बिछ गई है। अपनी इमेज को लेकर संजीदा हुआ नगर निगम इसके सुधार के लिए हर दिन करीब 30 हजार रुपए खर्च करेगा। तीन साल में यह राशि 3.18 करोड़ रुपए खर्च होगी। इसके लिए निगम के एक बड़े नेता के करीबी व्यक्ति की कंपनी का टेंडर खुल चुका है और अब शुक्रवार को एमआईसी में केवल मुहर लगना बाकी है।

इस कंपनी को दिया जा रहा है ठेका

इंदौर की प्रिया इंवेट्स कंपनी को यह ठेका मिला है। इसके कर्ताधर्ता निमेश पिटालिया है। मूल रूप से यह कंपनी इवेंट कराने के लिए जानी जाती है। लेकिन अब इस कंपनी को नगर निगम का सोशल मीडिया हैंडलिंग करने का ठेका दिया जा रहा है। यह ठेका तीन साल के लिए 3.18 करोड़ रुपए का है, यानि हर माह औसतन नौ लाख रुपए और हर दिन का 30 हजार रुपए का। इसका ऑफिस इंदौर में रत्नमणि काम्पलेक्स में एक छोटे से कमरे में खुला हुआ है। वेबसाइट पर इसके पते भोपाल, मुंबई और दुबई में भी बताए गए हैं।

क्या करेगी यह कंपनी

टेंडर के मुताबिक यह कंपनी निगम की इमेज सुधार और उनके कैंपेन के लिए अलग-अलग स्तर पर मैनेजमेंट देखेगी। वीडियो बनाएगी, निगम के खिलाफ कुछ सोशल मीडिया पर चलेगा तो उसका जवाब देगी, निगम के कार्यक्रमों के लिए कैंपेनिंग करेगी। 

निगम के पास स्मार्ट सिटी, एआईसीटीएसएल का भी अमला

पहले से ही आर्थिक बोझ में दबी निगम को केवल छवि चमकाने के लिए हर दिन 30 हजार रुपए खर्च करने की जरूरत पड़ रही है। जबकि निगम के पास खुद के जनसंपर्क अधिकारी मौजूद है, मप्र शासन के जनसंपर्क अधिकारी द्वारा भी निगम की खबरें जारी की जाती है। महापौर से लेकर हर एमआईसी सदस्य, पार्षद, अधिकारी सीधे तौर पर मीडिया से बात करते ही है। इसके अलावा सबसे बडी बात स्मार्ट सिटी बोर्ड हो या एआईसीटीएसएल बोर्ड हो, सभी में निगम मौजूद है। इन सभी जगहों पर भी विविध एक्सपर्ट और मैनपॉवर मौजूद है। जिनका उपयोग नगर निगम कर सकता है। इन तीनों ही जगह पर विविध स्तर पर लोग निगम से ऑलरेडी जुड़े हुए है। 

क्या बोल रहे पिटालिया

कंपनी के कर्ताधर्ता पिटालिया ने कहा कि टेंडर हमे हमारी क्षमता से मिला है किसी के साथ संपर्कों से नहीं। टेंडर राशि हमारे काम के मुताबिक सही है और ज्यादा नहीं है, हमे काफी मैनपॉवर लगेगा, इसमें वीडियो बनाना, कैंपेन चलाना और भी कई बातें हैं, केवल फेसबुक, इंस्टा, टिव्टर ही हैंडल करना नहीं है। काम का दायरा काफी बड़ा है। हम यह सभी हैंडल करेंगे इसलिए यह टेंडर राशि सही है। 

संपत्तिकर, जलकर भी बढ़ा चुका है निगम

150 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले में निगम की करोड़ों की राशि डूब चुकी है। इसकी वसूली की कहीं कोई बात नहीं हो रही है। ईडी इसकी जांच कर रही है। आर्थिक संकट से जूझ रहे नगर निगम में ठेकेदारों के बिल टुकड़ों में दस-20 फीसदी करके चुकाए जा रहे हैं। इन सभी से निपटने के लिए निगम संपत्तिकर, जलकर सभी में इजाफा कर चुका है। उधर लोगों को गंदा पेयजल मिल रहा है, सड़को पर गड्‌ढे हैं और सफाई को लेकर भी लोग लगातार शिकायत कर रहे हैं। कुल मिलाकर इस राशि से इन मुद्दों को दबाने और छवि चमकाने की कोशिश अधिक होने वाली है।

मिशन विधानसभा 2028 का टिकट

नगर निगम का कार्यकाल जुलाई 2027 तक है और इसके बाद अगले साल 2028 में विधानसभा चुनाव है। तय है कि इस तीन साल में तीन करोड़ की राशि खर्च करके कुछ नेता अपनी व्यक्तिगत तौर पर छवि चमकाने का अधिक प्रयास करेंगे, जिससे आगे जाकर उन्हें इसका राजनितिक लाभ हो और विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी मजबूत की जा सके। एक बार यह बजट शुरू हुआ तो फिर इसका हर बार रिन्यू करने और बजट बढ़ाने का सिलसिला शुरू होना तय है।

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