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जीतू यादव अभी भी MIC मेंबर Photograph: (the sootr)
INDORE : पार्षद कमलेश कालरा के घर पर 50 से ज्यादा समर्थक गुंडे भेजने वाला जीतू यादव 11 जनवरी से ही शहर से गायब है। यह वह दिन है जब उसने पहले सुबह बीजेपी और एमआईसी मेंबर पद से इस्तीफा दिया। फिर इसके एक घंटे बाद पार्टी ने उसे 6 साल के लिए बाहर कर दिया और फिर दोपहर में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने एमआईसी पद से हटा दिया। लेकिन घटना के सात दिन बीत जाने के बाद भी नगर निगम को होश नहीं है और अभी भी वेबसाइट पर जीतू यादव को एमआईसी मेंबर बता रखा है।
एमआईसी मेंबर और विभाग में भी जीतू का नाम
इंदौर नगर निगम की वेबसाइट IMCINDORE.MP.GOV.IN पर महापौर और एमआईसी मेंबर के नाम, फोटो, विभाग, मोबाइल नंबर अपलोड किए गए हैं। इसमें सबसे पहले महापौर पुष्यमित्र भार्गव का नाम है। इसके बाद एमआईसी मेंबर अभिषेक शर्मा, राजेश उदावत, राजेंद्र राठौर, अश्विनी शुक्ला, निरंजन सिंह चौहान, नंदकशोर पहाड़िया, प्रिया दांगी का नाम है। इसके बाद ही गुंडे जितेंद्र यादव का नाम है। फिर दो अन्य एमआईसी मेंबर राकेश जैन, मनीष शर्मा का नाम दिया गया है।
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क्या हुआ था घटनाक्रम
पार्षद कमलेश कालरा ने एक रिमूवल नोटिस को लेकर यतींद्र यादव निगम अधिकारी से फोन पर दुवर्यवाहर किया और इसी दौरान यतींद्र ने जीतू यादव के परिवार का होने की बात कही, जिस पर कालरा ने कह दिया कि उनके आफिर में आकर ही मारूंगा। यह आडियो वायरल हुआ और जीतू तक पहुंचा। उसने चार जनवरी की दोपहर में अपने समर्थक गुंडों को कालरा के घर भेज दिया। इन्होंने निर्वस्त्र कांड किया, जमकर गुंडागर्दी की। इस घटना पर विधायक मालिनी गौड़ आक्रामक हुई और पहले बीजेपी दफ्तर में प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को शिकायत की और फिर रात को सीएम डॉ. मोहन यादव को पूरी घटना बताई, जीतू पर एफआईआर करने, पार्टी से बाहर करने की मांग उठी। इधर जीतू ने भी यादव और एससी कार्ड खेला और सीएम के इंदौर दौरे पर बात रखी। लेकिन शहर में धीरे-धीरे मामले ने तूल पकड़ा। द सूत्र ने खुलकर जीतू यादव की गुंडागर्दी पर खबरें प्रकाशित की। पार्टी ने कालरा और जीतू को नोटिस दिया। आखिर में मामला पीएम नरेंद्र मोदी तक पहुंचा। वहां से सख्ती के आदेश आए। यह भनक जीतू को लगी कि पार्टी बाहर कर रही है तो उसने 11 जनवरी की सुबह मासूम बनते हुए पार्टी से, एमआईसी से इस्तीफा दिया। लेकिन पार्टी ने इसे खारिज किया और पार्टी से निष्कासित का आदेश जारी कर दिया। वहीं यह आदेश निकलते ही दोपहर में महापौर ने जीतू यादव को एमआईसी प्रभार से मुक्त कर दिया। इसके बाद से ही जीतू गायब है।
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