ODA ओल्ड डेलियंस एसोसिएशन और DALY COLLEGE के बीच चुनाव पर गहराया विवाद

ओडीए के हर तीन साल में मैनेजिंग कमेटी बनाने के लिए चुनाव होते हैं। मई 2024 में वर्तमान कमेटी का कार्यकाल पूरा हो गया है। इसमें अभी अध्यक्ष कमलेश कासलीवाल और सचिव तेजवीर जुनेजा है।

Advertisment
author-image
Pratibha ranaa
एडिट
New Update
 DALY COLLEGE
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

संजय गुप्ता, INDORE. देश के प्रसिद्ध स्कूल में शामिल इंदौर के DALY COLLEGE डेली कॉलेज और इनसे पासआउट हुए छात्रों की संस्था Old Dalian’s Association (ODA)  के बीच में चुनाव को लेकर खासा विवाद गहरा गया है। दोनों ओर से पत्र लिखे जा चुके हैं और मामला यहां तक आ गया है कि दोनों ही अपने रास्ते पर चल पड़े हैं। यह पूरा हाईप्रोफाइल विवाद- 

चुनाव के कारण उठा विवाद

दरअसल ओडीए के हर तीन साल में मैनेजिंग कमेटी बनाने के लिए चुनाव होते हैं। मई 2024 में वर्तमान कमेटी का कार्यकाल पूरा हो गया है। इसमें अभी अध्यक्ष कमलेश कासलीवाल और सचिव तेजवीर जुनेजा है। अप्रैल माह में अगले चुनाव 2024-27 के लिए एसोसिएशन ने डेली कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. गुणमीत बिंद्रा को पत्र भेजकर चुनाव कराने के लिए कहा। क्योंकि एसोसिएशन के संविधान के मुताबिक प्रिंसिपल ही चुनाव के लिए अधिकृत है। 

प्रिंसिपल की इस शर्त ने ओडीए को हिला दिया

लेकिन, प्रिंसिपल ने ओडीए सचिव जुनेजा को इसके बदले में एक पत्र भेजा। इसमें कहा गया कि- हाल ही में आपके एसोसिएशन के कुछ सदस्यों ने द डेली कॉलेज सोसायटी के भी सदस्य होने का दावा किया है। जबकि ऐसा नहीं है। इसलिए पहले आप यह घोषणापत्र और अंडरटेकिंग इस फैक्ट को लेकर दीजिए कि ओडीए और डेली क़ॉलेज सोसायटी दोनों अलग-अलग है। इसके बाद चुनाव के लिए सदस्यों की सूची जारी की जाएगी। 

ओडीए कमेटी ने कर दिया विरोध

इस मामले में ओडीए कमेटी ने भी बैठक की और इस पर फिर फैसला लिया गया कि वह प्रिंसिपल को इस तरह का कोई अंडरटेकिंग और घोषणापत्र नहीं देंगे। इस पूरे मुद्दे को हम अपनी एजीएम (वार्षिक साधारण सभा) में रखेंगे। यह भी तय हुआ कि प्रिंसिपल नहीं मानती है तो रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी के पास जाएंगे। 

जरूरत हुई तो संविधान बदल देंगे

यह भी तय किया गया कि जरूरत हुई तो जो ओडीए के संविधान में चुनाव के लिए प्रिंसिपल को अधिकृत करने का प्रावधान है, हम उसे ही बदल देंगे। इस पूरे मामले में ईओजीएम में चर्चा कर इस पर फैसला लिया जाएगा। 

ओडीए क्या है

ओडीए डेली कॉलेज से पासआउट छात्रों की संस्था है। इसका ऑफिस भी डेली कॉलेज परिसर में ही है। इसमें 5500 छात्र है और इसके छात्र देश और विदेश में सभी जगह है। कोई भी पासआउट छात्र नियमों के तहत इसकी सदस्यता ले सकता है। इस एसोसिएशन के हर तीन साल में चुनाव होते हैं। वहीं इस एसोसिएशन से दो सदस्य चुनकर डेली कॉलेज बोर्ड में भी जाते हैं। 

अब समझिए विवाद के पीछे की वजह

इसे लेकर ODA ने कुछ सदस्यों ने मांग करी कि डेली कॉलेज सब कुछ पर्दे के पीछे कर लेता है वह एजीएम बुलाकर सभी के सामने चर्चा नहीं करता है, जबकि ओडीए सहित अन्य सभी कैटेगरी जिनसे डेली कॉलेज बोर्ड बनता है सभी इसमें सदस्य है सभी को बुलाना चाहिए। इस मामले में लेकर हाईकोर्ट में भी याचिका दायर है और डेली कॉलेज से भी जवाब मांगा गया है। ऐसे में डेली कॉलेज चाहता है उसे यह शपथपत्र मिल जाए तो वह इसे हाईकोर्ट, रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी सभी जगह बताकर मामले को खत्म कर दें।

डेली कॉलेज ऐसा क्यों चाहता है?

डेली कॉलेज का दस सदस्यीय बोर्ड पूरी गोपनीयता रखना चाहता है और इस बोर्ड के सदस्यों में हुए फैसले को वह मान्य करता है और एजीएम की जरूरत नहीं मानता है। यदि एजीएम हुई और यह सभी कैटेगरी के लोग आए तो ओडीए में ही 5500 सदस्य है, यह सभी आ गए या थोड़े भी आ गए तो डेली कॉलेज बोर्ड के सभी फैसलों पर खासकर खर्चों को लेकर एजीएम में सवाल हो जाएंगे और इनकी संख्या बहुत ज्यादा है, ऐसे में डीसी के सभी फैसले ही पलट जाएंगे। एजीएम इतनी पॉवरफुल होगी कि वह किसी को हटाने, निंदा करने तक के प्रस्ताव पास कर देगी। इसलिए कभी भी वह इस कैटेगरी के सदस्यों को अपने यहां भी सदस्य कबूल नहीं करेगा।

दो सदस्य लुल्ला और पारिख पर सभी की नजरें

डेली कॉलेज बोर्ड में ओडीए की ओर से धीरज लुल्ला और संदीप पारिख दो सदस्य शामिल है, जो बकायदा चुनाव से चयनित होकर आए हैं। अब सवाल दोनों पर ही है कि इनकी इस विवाद में क्या भूमिका होती है? ओडीए तो खुलकर डेली क़ॉलेज के रवैए का विरोध कर रहा है। इसे लेकर अब दोनों सदस्यों को आगे जाकर अपना रूख साफ करना होगा। ओडीए तो इन्हीं से पूछेगा कि हमने आपको चुनाव अब आप क्या कर रहे हैं? जब खर्च को लेकर विवाद उठा था तब भी सवाल उठे थे।

तकनीकी रूप से तो सदस्य है

समस्या यह है कि डेली कॉलेज ने ही इन्हें डेली कॉलेज सोसायटी में सदस्यता दी हुई है। बोर्ड में ओल्ड डोनर्स कैटेगरी (जो पुराने स्कूल के संस्थापक है), न्यू डोनर्स कैटेगरी (जो स्कूल को नए दानदाता है) के साथ ही ओडीए से भी सदस्य चुनकर जाते हैं। इस तरह डेली कॉलेज सोसायटी में यह तीनों कैटेगरी के सदस्य शामिल है। इसी आधार पर ओडीए के कुछ सदस्य ने हाईकोर्ट में केस लगाए है और एजीएम कराने व शामिल होने की मांग की है। 

अभी यह है डेली कॉलेज बोर्ड

प्रेसीडेंट- विक्रम सिंह, वाइस् प्रेसीडेंट- राजवर्धन सिंह नरसिंहगढ़, सदस्य प्रियवत सिंह खिलचीपुर, हरपाल (मोनू) सिंह भाटिया, धीरज लुल्ला, संदीप पारिख, सुमित चंडोक, संजय पाहवा और सचिव प्रिंसिपल डॉ. गुणमीत बिंद्रा।

thesootr links

 

सबसे पहले और सबसे बेहतर खबरें पाने के लिए thesootr के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें। join करने के लिए इसी लाइन पर क्लिक करें

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

 

 

Daly college डेली कॉलेज Old Dalian Association