इंदौर में इंडेक्स अस्पताल आयुष्मान योजना में लूट चुका, PHOENIX हॉस्पिटल में भी खेल, जांच टीम पहुंची

फीनिक्स अस्पताल में एक मरीज का ऑपरेशन होना था, जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने 45 से 50 हजार रुपए का खर्च बताया। भर्ती करने से पहले 25 हजार रुपए की डिमांड की गई, जिसे बाद में घटाकर 16 हजार रुपए वसूल लिए गए।

author-image
Vishwanath Singh
New Update
Sourabh018
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

आम आदमी को मुफ्त इलाज का भरोसा दिलाने वाली आयुष्मान योजना अब कई निजी अस्पतालों के लिए मुनाफाखोरी का जरिया बन चुकी है। इंदौर के कनाड़िया क्षेत्र स्थित फिनिक्स हॉस्पिटल में बड़ा मामला सामने आया है, जहां मरीजों से खुलेआम हजारों रुपए वसूले गए। इसको लेकर एडीएम के निर्देशन में जब टीम जांच करने फीनिक्स हॉस्पिटल पहुंची तो इस घोटाले का खुलासा हुआ। इस अस्पताल के मालिक डॉ. गर्वित अरोरा और डॉ. वर्षा कोठारी हैं, जबकि संचालक डॉ. एचके बिरला हैं। बता दें कि इससे पहले शहर का इंडेक्स अस्पताल भी आयुष्मान में बड़ा घोटाला कर चुका है।

ऑपरेशन के नाम पर ली मोटी रकम

फीनिक्स अस्पताल में एक मरीज का ऑपरेशन होना था, जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने 45 से 50 हजार रुपए का खर्च बताया। भर्ती करने से पहले 25 हजार रुपए की डिमांड की गई, जिसे बाद में घटाकर 16 हजार रुपए वसूल लिए गए। ऑपरेशन के बाद भी यह रकम मरीज को वापस नहीं की गई। परिजनों के सवाल उठाने पर जवाब मिला “यह डॉक्टर का कमीशन है, जिन्होंने भर्ती कराया।” इसी तरह एक अन्य मरीज से 40 हजार रुपए वसूले गए। पीड़ितों ने अस्पताल प्रबंधन के साथ हुई बातचीत के ऑडियो सबूत भी अधिकारियों को सौंपे हैं।

hospital2
अस्पताल में जांच करने पहुंचे सीएमएचओ

अस्पताल पर प्रशासनिक कार्रवाई

ADM के निर्देश पर सीएमएचओ ने दो सदस्यीय जांच समिति गठित की है। साथ ही, फिनिक्स हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण भी किया गया। निरीक्षण में चौंकाने वाली लापरवाहियां सामने आईं -

  • 20 से ज्यादा मरीज भर्ती थे, लेकिन अस्पताल में एक भी रजिस्टर्ड डॉक्टर मौजूद नहीं था।

  • केवल एक होम्योपैथिक डॉक्टर मौजूद मिला, जिस पर सीएमएचओ ने नाराजगी जताई।

  • अस्पताल की तीसरी मंजिल पर अवैध निर्माण पाया गया।

  • यहां फायर सेफ्टी सिस्टम तक मौजूद नहीं था, जिससे बड़ा हादसा हो सकता था।

सीएमएचओ डॉ. माधव हसानी ने अस्पताल संचालक डॉ. हरिकरण बिरला को कड़ी फटकार लगाते हुए नर्सिंग होम एक्ट के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी और अस्पताल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

hospital11
अस्पताल में जांच करने पहुंचे सीएमएचओ

प्रशासन ने की कार्रवाई

जांच में यह भी सामने आया कि फिनिक्स हॉस्पिटल ने आयुष्मान कार्ड धारकों से भी इलाज और भर्ती के नाम पर 16 हजार से 40 हजार रुपए तक की वसूली की। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब प्रशासन सख्त कार्रवाई कर रहा है। अधिकारियों के मुताबिक जांच पूरी होने पर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

यह कहना है अस्पताल प्रबंधन का

इस मामले में अस्पताल के मालिक व पार्टनर डॉ. गर्वित अरोरा का कहना है कि हम पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वे निराधार हैं। मरीज द्वारा जो ईलाज के लिए अतिरिक्त राशि लिए जाने के आरोप लगाए हैं उसके संबंध में हमारे पास मरीज के साइन किए हुए दस्तावेज हैं। हम इसके सारे सबूत प्रशासनिक अफसरों को सौंप रहे हैं। 

यह खबर भी पढ़ें...इंदौर कलेक्ट्रेट से संयुक्त कलेक्टर वर्मा और मंडलोई रिलीव, विनोद राठौर को बनाया हातोद एसडीएम

इंडेक्स भी आयुष्मान में कर चुका बड़ा घोटाला

व्यापमं घोटाला और आयुष्मान योजना घोटाला करने वाले इंडेक्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल और इनके प्रमुख सुरेश भदौरिया का नाम कई बार सामने आ चुका है। भदौरिया व्यापमं घोटाले में जेल में रहे हैं। इसके बाद करोड़ों का आयुष्मान योजना का घोटाला खुद मप्र शासन विभाग की रिपोर्ट में आया। उनके अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत कई घोटाले किए थे जिसमें कई गंभीर मामले भी सामने आए। उनकी गंभीरता इस बात से समझ लीजिए कि जांच में आया था कि एक नाबालिग 15 साल की बच्ची को ही आईवीएफ (संतान उत्पत्ति उपचार) के लिए भर्ती बना कर आयुष्यमान योजना में राशि क्लेम कर दी थी। वहीं इस ट्रीटमेंट के लिए तो अस्पताल पैनल्ड ही नहीं था। आईवीएफ के तहत 200 मरीज भर्ती बताए गए।

indexx11
इस तरह से किया था फर्जीवाड़ा

इसके अलावा ऑडिट टीम ने पाया कि आयुष्मान योजना के तहत अस्पताल ने 345 मरीजों को भर्ती बताया, लेकिन जब टीम ने 5 मार्च 2023 को जांच की तो यहां पर केवल 76 मरीज ही मौके पर पाए गए। बाकी मरीज तो थे ही नहीं, जिसके उपचार के लिए अस्पताल शासन से राशि मांग रहा था। यह राशि छोटी-मोटी नहीं करोड़ों रुपए में थी। टीम ने पाया कि ओपीडी में आने वाले सामान्य बीमार मरीजों को बेवजह अस्पताल में भर्ती किया गया। एक आयुष्मान योजना के कार्ड पर दूसरे मरीज भर्ती पाए गए और क्लेम लिया गया। मरीजों के परिजन से दवा, टेस्ट के लिए राशि ली गई, जबकि आयुष्मान में यह भी कवर होता है।

 इसके लिए कई मरीज और परिजन ने बताया किसी से दो हजार रूपए लिए तो किसी से तीन हजार रुपए। मरीज को बेवजह आईसीयू में रखा गया। जब टीम ने वहां देखा तो मरीज आराम से अस्पताल बेड पर बैठा मिला, ना कार्डियक मॉनीटर लगा ना ही ऑक्सीजन लगी थी। यानि मरीज गंभीर नहीं था, उसे गंभीर बताकर आईसीयू में उपचार होना बताया गया। मरीज को महंगे पैकेज रेडियोलॉजिक जैसे देना बताया गया, जिससे मरीज की जान को जोखिम हो सकता था, जबकि मरीज को इसकी जरुरत ही नहीं थी।

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

इंदौर अस्पताल मरीज योजना डॉक्टर