डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गैंग को पुलिस ने पकड़ा

मुख्यमंत्री के द्वारा साइबर अपराधों पर नियंत्रण हेतु दिशा–निर्देश दिए गए,  जिसके तारतम्य में इंदौर पुलिस द्वारा अभियान चलाकर साईबर फ्रॉड गैंग के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।

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Sanjay gupta
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Indore Police arrests
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INDORE. इंदौर पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के नाम से ऑनलाइन ठगी करने वाली अंतर राज्यीय गैंग को पकड़ा है। यह गैंग साइबराबाद ( तेलंगाना ) के हैं और इन्हें 6 राज्यों की पुलिस तलाश कर रही थी। इनके द्वारा हाल ही में साफ्टेवयर डेवलप करने वाली महिला के साथ 12.10 लाख की ऑनलाइन ठगी की थी। इंदौर पुलिस के द्वारा ऑनलाइन ठगी से संबंधित 111 बैंक खातों को फ्रीज करवाते हुए, फरियादी के 06 लाख रुपए रिफंड की प्रोसेस कोर्ट के माध्यम से की जा रही है।

इस तरह कर रहे थे आरोपी ठगी

क्राइम ब्रांच इंदौर के द्वारा उक्त प्रकरण में अभी तक झालावाड़ ( राजस्थान ) एवं साइबराबाद ( तेलंगाना ) के कुल 02 आरोपी गिरफ्तार किए हैं। गैंग के सदस्य कॉल पर स्वयं को पुलिस अधिकारी बताकर Money Laundering के केस में  फंसाने का झूठ बोलकर ऑनलाइन राशि लेते थे। साथ ही कभी खुद को पुलिस अधिकारी बताकर डराते थे। 

इस तरह की गई थी ऑनलाइन ठगी

मुख्यमंत्री के द्वारा साइबर अपराधों पर नियंत्रण हेतु दिशा–निर्देश दिए गए,  जिसके तारतम्य में इंदौर पुलिस द्वारा अभियान चलाकर साईबर फ्रॉड गैंग के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। इंदौर क्राइम ब्रांच की साइबर हेल्पलाइन में सॉफ्टवेयर डेवलपर इंदौर निवासी फरियादी ने डिजिटल अरेस्ट के नाम से ऑनलाइन  ठगी की शिकायत की थी। 25/05/2024 को अंजान मोबाइल नंबर से कॉल करने वाले ने कहा था कि वह FedEx International Courier Andheri east Mumbai से राजेश बोल रहा है।  आपके नाम से एक पार्सल मुम्बई से ताईवान भेजने हेतू बुक किया गया है जोकि कस्टम्स पर रिजेक्ट हो गया, पार्सल में 5 पासपोर्ट, 3 बैंक क्रेडिट कार्ड, 5 किलो कपडे, 200 ग्राम MDMA ड्रग्स व 1 लेपटॉप है, जोकि 20 मई 2024 को भेजा गया है एंव 22 मई 2024 को कस्टम्स से रिजेक्ट ( rejected customs ) हो गया है। 

आधार नंबर सही होने से घबरा गई थी फरियादी

फोन पर कहा गया कि यह पार्सल आपके आधारकार्ड से भेजा गया है, फिर फरियादी ने बोला कि मेरा आधारकार्ड नम्बर क्या लिखा है तो उन्होंने एक आधार नम्बर बताया और कहा कि मेरे मोबाइल नम्बर से लिंक है, जानकारी सही होने पर वह घबरा गई,  फिर कॉल अंधेरी मुम्बई की cyber क्राईम डिपार्मेट मे कनेक्ट कर दी, फिर इस्पेक्टर बनाकर किसी ने बात की और बोला कि 4 घंटे मे मुम्बई आ जाओ नहीं तो ड्रग्स ट्रैफिकिंग का केस लगा देंगे। फिर कहा डीसीपी कर से बात कर लो और फिर वहां से आवाज आई कि मैं डीसीपी बालसिँह राजपूत बोल रहा हूँ, आपका आधार 3 गैर कानूनी बैंक खातो से लिंक पाया गया है, जिनका इस्तेमाल मनीलॉनडरिंग के लिए किया जाता है। फिर खाते की जानकारी ली और बोला कि आपको हमारे साइबर पुलिस के खाता क्र. मे आपके खाते की 98% राशि 12,10,307/- रुपए ट्रांसफर कर दो जोकि हमारे द्वारा चेक करने के उपरान्त यदि आपके द्रारा कमीशन नहीं लिया गया है तो आपके रुपए 14 मिनट में लौटा देंगे।  इसके बाद राशि ट्रांसफर कर दी गई। बाद में पता चला कि फ्राड हुआ है। इस पर इन्दौर की सायबर हेल्प लाईन नं. 704912–4445 पर काल कर आनलाईन फ्राड के संबंध में शिकायत  दर्ज कराई थी।  

इन्होंने पकड़ा आरोपियों को

क्राइम ब्रांच इंदौर के द्वारा पूर्व में आरोपी (1). आनंद कुमार निवासी झालावाड़ (राजस्थान) को गिरफ्तार किया था, प्रकरण में विवेचना के दौरान तकनीकी जानकारियों के आधार पर इंदौर क्राईम ब्रांच के द्वारा तेलंगना राज्य से आरोपी (2). के.कृष्ण कुमार निवासी साइबराबाद (तेलंगाना) को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में एवं तकनीकी जानकारी निकलते आरोपी गैंग के द्वारा देश के कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्यप्रदेश के कई लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी की गई, जिसमें पुलिस के द्वारा 111 बैंक खातों को फ्रीज करवाते हुए, महिला फरियादी के 06 लाख रुपए रिफंड कोर्ट ऑर्डर के माध्यम से कराया जा रहा है।

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