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इंदौर पुलिस में डिजिटल अरेस्ट के जरिए ऑनलाइन ठगी करने के मामले में बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने एक सीनियर सिटीजन महिला के साथ की गई 46 लाख की ठगी के मामले में यूपी से मदरसा समिति के प्रबंधक को पकड़ा है। मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी गैंग से ऑनलाइन ठगी से संबंधित 42 बैंक खातों को फ्रीज किया गया। यह खाता मदरसा समिति में लेन-देन के नाम पर खुलवाया गया था।
CBI, ED अधिकारी बनकर देते थे धमकी
ठगी करने वाली गैंग के सदस्य, कॉल पर खुद को पुलिस अधिकारी, CBI की अधिकारी, टेलीकॉम रेग्युलेशन अथोरिटी ऑफ इंडिया और कस्टम विभाग के अधिकारी होना बताकर धमकी देते थे। यह फोन पर फर्जी कूटरचित दस्तावेज भेजकर पुलिस केस में फंसाने का झूठ बोलकर चुंगल में फंसे व्यक्ति से ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर कराते थे।
यूपी के कन्नौज से हुई गिरफ्तारी
गैंग सदस्यों को ठगी करने के लिए "फलाह दारेन मदरसा समिति" का करेंट बैंक अकाउंट, ठगी का 50 प्रतिशत पैसा कमिशन लेने के लिए उपलब्ध कराता था। इसमें ग्राम सतौरा कन्नौज उत्तरप्रदेश से फलाह दारेन मदरसा समिति का प्रबंधक आरोपी अली अहमद खान पिता साबिर खान (69साल) निवासी सतौरा कन्नौज और सह प्रबंधक असद अहमद खान पिता अली अहमद खान (36साल) निवासी सतौरा कन्नौज को गिरफ्तार किया गया। फरियादी की शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच इंदौर थाने में अपराध धारा 318(4), 308(2), 319(2), 336(3),338, 340(2), 238, 3(5), 61(2) BNS में केस है।
आरोपियों के बारे में यह बताया
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया (Additional DCP Rajesh Dandotiya) ने बताया कि आरोपी द्वारा स्वयं को बीएड ग्रेजुएट होकर ग्राम सतौरा कन्नौज उत्तरप्रदेश में मदरसा चलाना अपना व्यवसाय बताते हुए ऑनलाइन ठगी करने वाली गैंग को अपने उक्त मदरसा समिति का बैंक खाता 50 प्रतिशन कमीशन पर उपलब्ध कराने का कार्य करना कबूला है। फर्जी डिजिटल अरेस्ट मामले में इंदौर क्राइम ब्रांच के द्वारा आरोपी का पुलिस रिमांड प्राप्त कर गैंग के अन्य सदस्यों एवं अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए पूछताछ की जा रही है।
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