संजय गुप्ता@INDORE. अक्षय बम कांड के बाद इंदौर और प्रदेश की राजनीति में उठा तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीजेपी में आने के बाद जहां बम मुश्किलों में हैं, वहीं बीजेपी भी बैकफुट पर हो गई। इस मामले में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपना पक्ष रखते हुए एक न्यूज चैनल से कहा कि सब कुछ अचानक हुआ था, कुछ भी प्लान नहीं था, सेल्फी जरूर खींची थी।
यह बोले मंत्री विजयवर्गीय
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय एक टीवी चैनल से चर्चा कर रहे थे। जिसका वीडियो उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है। वह बम के बीजेपी में आने और इस घटनाक्रम के प्री-प्लांड होने के विपक्ष के आरोपों पर जवाब दे रहे थे। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- ‘कुछ भी प्लान नहीं था। अचानक सब कुछ हुआ। मैं फॉर्म वापस करवाने गया भी नहीं था। मैं रास्ते में मिला था, क्योंकि कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया था। इसलिए मैं रास्ते में पहुंचा। हम लोगों ने बात की।
सेल्फी खींची, नहीं पता था कि इतनी चर्चा में आ जाएगी
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि सेल्फी खींची ये बात सही है और हमने ट्वीट कर दिया। पर वो ट्वीट इतना बड़ी चर्चा में आ जाएगा इसकी कल्पना मुझे भी नहीं थी। ठीक है, राजनीति में कुछ करते हैं तो कुछ न कुछ तो होता है। उसमें हुआ है। मैं ऐसा कह सकता हूं कि हमें सफलता मिली है।
मेंदोला के साथ जाकर नाम वापस लिया था, नीचे कार में थे विजयवर्गीय
इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम ने नामांकन वापसी के अंतिम दिन 29 अप्रैल को नाटकीय घटनाक्रम के तहत कलेक्टर ऑफिस पहुंच कर अपना फॉर्म वापस ले लिया था। उनके साथ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खास और दो नंबर विधानसभा से विधायक रमेश मेंदोला, एमआईसी मेंबर जीतू यादव और उनकी टीम थी। फॉर्म उठाने के कुछ देर बाद ही मंत्री विजयवर्गीय ने बम के साथ सेल्फी सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी, जिसमें कार में आगे वह और पीछे बम व मेंदोला बैठे हुए थे।
ताई ने ली थी आपत्ति, बीजेपी आ गई थी बैकफुट पर
बम के बीजेपी में इस तरह आने पर बीजेपी नेत्री और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन (ताई) ने भी हैरानी जताई थी। ताई ने कहा था कि इस घटनाक्रम की कोई आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि दीवार पर लिखा हुआ है कि इंदौर में बीजेपी को कोई भी नहीं हरा सकता। कांग्रेस उम्मीदवार (बम) को ऐन चुनाव से पहले ऐसा नहीं करना चाहिए था। उसने एक तरह से अपनी पार्टी (कांग्रेस) से भी धोखा किया, लेकिन मैं ऐसे शब्दों का इस्तेमाल क्यों करू? ताई ने कहा कि इंदौर लोकसभा सीट के इतिहास में पहली बार चुनावी पाला बदलने के बाद शहर के कुछ पढ़े-लिखे लोगों ने उन्हें फोन करके नाराजगी जताई। फोन करने वालों ने मुझसे कहा कि अब वे EVM पर NOTA का विकल्प चुनेंगे, क्योंकि भाजपा ने जो किया, वह उन्हें अच्छा नहीं लगा।
बम के जाने के बाद मोदी ने पूछा था वोटिंग कम होगी क्या?
इस घटना के बाद पीएम मोदी जब ट्रांजिट विजिट दौरान इंदौर आए थे, तब कार्यकर्ताओं से पूछा था कि क्या इस बार इंदौर में वोटिंग कम होगी क्या? क्योंकि इस घटना के बाद इंदौर में जमकर नाराजगी हुई। इसके बाद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा इंदौर आए और सफाई दी और कहा कि बम तो खोटा सिक्का था। वहीं सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि उनका दूल्हा भाग गया। खुद घटना के कुछ दिन बाद विजयवर्गीय बम को लेकर प्रेस कांफ्रेस में आए थे और बम ने सफाई देते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं से ही वह परेशान थे और राम मंदिर, सनातन विचारधारा के चलते वह बीजेपी में आए। उधर बम कानूनी मुश्किलों में भी फंस चुके हैं और उन पर हत्या के प्रयास की धारा 307 लग चुकी है और गिरफ्तार वारंट भी जारी हो चुका है।
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