INDORE. इंदौर नगर निगम की इमेज सुधारने के लिए जिस प्रिया इवेंट कंपनी को टेंडर दिया जा रहा है, वह बड़ी टैक्स चोर निकली है। प्रारंभिक जांच में ही एक करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी मिली। जिसमें स्टेट जीएसटी ने मौके पर ही कंपनी से एक करोड़ पांच लाख का टैक्स भरवा लिया है। लेकिन यह प्रारंभिक राशि है, टैक्स चोरी इससे कहीं अधिक ज्यादा दिखी है।
क्या निकला है जांच में
स्टेट जीएसटी के छापे में चौंकाने वाली बात सामने आ रही है। प्रारंभिक जांच के बाद इससे कई अहम दस्तावेज विभाग को मिले हैं। कंपनी के मालिक निमेष पिटालिया है। कंपनी का मुंबई में भी ऑफिस है। विभागीय अधिकारियों ने पाया कि कंपनी सरकारी ठेके ले रही है, लेकिन सरकार को ही टैक्स नहीं भर रही है। जमकर जीएसटी की चोरी की गई है। साथ ही बोगस बिलिंग का भी मामला दिखा है, जिससे आईटीसी का खेल हुआ है। अधिकारियों ने टैक्स चोरी निकलने के बाद मालिक पिटालिया से मौके पर ही एक करोड़ पांच लाख रुपए भरवा लिए हैं, बाकी अभी दस्तावेजों की जांच के बाद सामने आएगा। द सूत्र को मिली जानकारी के अनुसार मामला दो से तीन करोड़ के बीच की टैक्स चोरी का है। यानी इस हिसाब से विभाग ने अभी केवल 50 फीसदी राशि ही भरवाई है। वही कंपनी अब सरकारी महकमों के ठेके लेकर सरकार को ही टैक्स चोरी कर रही है, यह बात भी ऑन रिकार्ड सामने आ चुकी है। द सूत्र ने पहले ही इस मामले का खुलासा कर दिया था।
नगर निगम इसी को दे रही इमेज सुधार का ठेका
हाल के समय में प्रिया इवेंट कंपनी सरकारी विभागों में तेजी से आई और ठेके लेने का काम किया गया है। कंपनी एक महीने पहले उस समय खासी चर्चा में आई जब इसे निगम की इमेज सुधारने के लिए और सोशल मीडिया हैडंलिंग के लिए 3.18 करोड रुपए का तीन साल का कांट्रेक्ट दिया गया। हालांकि एमआईसी मेंबर की आपत्ति के बाद इसे एप्रूवल अभी नहीं दिया गया है। लेकिन हर माह केवल इमेज सुधारने के लिए 10 लाख रुपए की राशि दिए जाना किसी के गले में नहीं उतर रही है, वह भी तब तक निगम की माली हालत मजबूत नहीं है। वहीं अब खुद कंपनी की ही इमेज बिगड़ गई है और टैक्स चोर के रूप में कंपनी सामने आई है। ऐसे में अब निगम द्वारा इसे टेंडर एप्रूवल दी जाती है तो इस पर भी सवाल उठेंगे।
प्रिया इंदौर निगम में लगी जोड़तोड़ में
प्रिया इवेंट इंदौर निगम के एक नेताजी की प्रिया कंपनी बताई जाती है। रेवती रेंज पर पौधारोपण कार्यक्रम का भी ठेका कंपनी को देने की बहुत कोशिश की गई, लेकिन गलती से ठेका हो गया भोपाल की एक कंपनी का। प्रिया को यह ठेका नहीं मिलने से नेताजी नाराज हुए और नतीजतन काम तो करा लिया गया लेकिन वर्क आर्डर ही जारी नहीं किया गया। यह वर्क आर्डर इवेंट के बाद अगस्त में जारी हुआ, जो तकनीकी तौर से गलत था, इसके चलते भोपाल की कंपनी का भुगतान अटक गया।
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