INDORE : मेसर्स राजशील रियलटर्स के डायरेक्टर व बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल एवं अमित अग्रवाल गायत्री पैराडाइज कॉलोनी के संबंध में दर्ज केस में उलझ गए हैं। इस मामले में एफआईआर क्वैश कराने के लिए उनके द्वारा हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका खारिज हो गई है।
इनके खिलाफ लगाया था केस
अग्रवाल बंधुओं ने यह केस अपर कलेक्टर इंदौर, तहसीलदार कनाजिया, थाना प्रभारी कनाडिया और पंकज देव पिता मनोहर देव के खिलाफ लगाई थी।
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यह था मामला
शैलेंद्र अग्रवाल एवं अमित अग्रवाल के विरुद्ध तत्कालीन कनाडिया तहसीलदार की शिकायत पर 24 फरवरी 2022 को पुलिस थाना कनाडिया द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420, 467, 468, 120-बी एवं 34 में यह प्रकरण दर्ज किया गया। शैलेंद्र अग्रवाल एवं अमित अग्रवाल पर आरोप था कि उन्होंने बंधक रखे गए प्लाट में धोखाधड़ी की और पंकज देव पिता मनोहर देव के साथ किए गए करार से परे जाकर 38 प्लाट बेचे। इस पर अग्रवाल बंधुओं पर थाना कनाडिया द्वारा अपराध क्रमांक 153/2022 पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया। इससे पहले मामले में अपर कलेक्टर कोर्ट में केस दर्ज कर सभी पक्षों को सुना गया था।
कार्रवाई और एफआईआर रद्द की लगी थी याचिका
शैलेंद्र अग्रवाल एवं अमित अग्रवाल द्वारा संबंधित मामले में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय इंदौर के समक्ष अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी द्वारा दिए गए आदेश एवं उसके संबंध में की गई सभी करवाई को रद्द करने हेतु रिट याचिका दर्ज की गई थी। जिसे उच्च न्यायालय द्वारा 27 जनवरी 2025 को खारिज कर गया दिया।
यह थे आरोप
कॉलोनी के वास्तविक भूस्वामी मनोहर देव व पंकज देव से हुए अनुबन्ध अनुसार अग्रवाल बंधुओं को कॉलोनी का विकास कार्य वर्ष 2009 में पूर्ण करना था। उनके द्वारा असत्य रुप से मात्र साढ़े तीन माह में कॉलानी का विकास काम पूरा दिखाकर बंधक रखे भूखण्डों को मुक्त कराया गाय। बिना किसी विधिक अधिकार के भूखण्डों का विक्रय किया गया।
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