इंदौर जिला प्रशासन ने गरीबों के गेहूं, चावल की कालाबाजारी करने वाले माफियाओं पर फिर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। यह कार्रवाई अलसुबह चार बजे की गई, जिसमें गोदाम पर छापा मारकर 800 कट्टे चावल पकड़े गए। आशंका है कि माफियाओं ने यह चावल गरीबों से सस्ती दरों में खरीदा और इसे बियर बनाने की फैक्ट्री में महंगे दामों में बेचने के लिए भेजा जा रहा था। इसके पहले भी बियर, वाइन फैक्ट्री में गरीबों का चावल बेचे जाने का मामला सामने आ चुका है।
फिर से आया सतीश अग्रवाल का नाम
कलेक्टर आशीष सिंह को मिली गोपनीय खबर के बाद अपर कलेक्टर आईएएस गौरव बैनल ने अलसुबह ही टीम बनाई और मौके पर भेजा। इसमें पीडीएस द्वारा गरीबों को बेचे गए चावल का अवैध भंडारण मौके पर पाया गया। इसे बाहर भेजा जा रहा था। चावल से भरा ट्रक एमएच 20 जीसी 3192 जब्त कर लिया गया। मौके पर केवल ड्राइवर और मजदूर मिले, जिन्हें पकड़ लिया गया। पूछताछ में यह अवैध भंडारण और गोदाम सतीश अग्रवाल का बताया गया है।
कौन है सतीश अग्रवाल
सतीश अग्रवाल का नाम 15 मई 2024 में भी एक अवैध भंडारण पर छापे में सामने आया था। इस पर सतीश व उसके बेटे सक्षम के खिलाफ प्रशासन ने केस दर्ज किया और जेल भेजा था। बाद में हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। टीम ने अलग-अलग स्थानों से कुल 500 क्विंटल चावल जब्त किया था। यह 10-12 रुपये में गरीबों से अनाज खरीदते और उसे बियर फैक्ट्री में 20 रुपये में बियर व वाइन फैक्ट्री में बेचते थे। मई 2024 की कार्रवाई में सामने आया था कि अग्रवाल से यह गरीबों का अनाज ग्रेट गेलियन वेंचर लिमिटेड डिस्टलरी पर भेजा जा रहा था। इसके लिए सात मई को ऑर्डर मिला था।
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