इंदौर में NHAI की सड़क, फ्लाईओवर की दुर्दशा पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को ट्रांसपोर्टर संगठन का पत्र, भ्रष्टाचार की जांच की मांग
नेशनल हाईवे की सड़कें हों या फिर फ्लाई ओवर सभी की हालत एक बारिश में ही खराब हो गई है। स्थानीय नागरिकों और वाहन चालकों का कहना है कि जब इतनी बड़ी राशि खर्च कर सड़कों का निर्माण किया है, तो महज कुछ बारिश में ही उनका खराब हो जाना भ्रष्टाचार की खुली निशानी है।
इंदौर में हाल ही में करोड़ों की लागत से बनी सड़कों और फ्लायओवर की पहली ही बारिश में हालत खराब हो गई है। जिससे इसके निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सीएल मुकाती ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर गणेश घाट रोड, राऊ फ्लायओवर और इंदौर-बायपास मार्ग की खराब स्थिति को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
करोड़ों की लागत, 6 महीने में खस्ताहाल
नेशनल हाईवे की सड़कें हों या फिर फ्लाई ओवर सभी की हालत एक बारिश में ही खराब हो गई है। स्थानीय नागरिकों और वाहन चालकों का कहना है कि जब इतनी बड़ी राशि खर्च कर सड़कों का निर्माण किया है, तो महज कुछ बारिश में ही उनका खराब हो जाना भ्रष्टाचार की खुली निशानी है। ट्रांसपोर्ट संगठन मांग कर रहे हैं कि सरकार जनहित में त्वरित कदम उठाए और भविष्य में निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कड़े मानक लागू करे। पत्र में कहा गया है कि इंदौर बॉम्बे रोड पर निम्नलिखित परियोजनाएं हाल ही में पूरी की गई थीं, लेकिन अब ये बेहद खराब हालत में हैं:
यह लिखा है ईमेल में
गणेश घाट मार्ग: 109 करोड़ की लागत से 8.8 किमी लंबी यह सड़क मात्र 6 महीने पहले तैयार की गई थी। अब इस पर सैकड़ों गड्ढे उभर चुके हैं और सड़क टूट-फूट गई है।
राऊ फ्लायओवर: 43 करोड़ की लागत से बना 1.2 किमी लंबा यह फ्लायओवर भी छ: माह के भीतर दरारों और टूट-फूट का शिकार हो गया है।
इंदौर–देवास बायपास: हाल ही में बनी यह सड़क 8 इंच बारिश भी नहीं झेल पाई और पूरी तरह जर्जर हो चुकी है।
जनता और व्यापार दोनों हो रहे परेशान
यह हालत है नेशनल हाईवे की
सीएल मुकाती ने पत्र में लिखा है कि सड़कों की यह हालत न सिर्फ जान-माल के लिए खतरा बन रही है, बल्कि इससे व्यापारिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं:
सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं
वाहनों के टायर, सस्पेंशन और स्प्रिंग लीफ बार-बार टूट रहे हैं
ट्रांसपोर्टर्स को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है
टोल टैक्स देने के बावजूद नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण सड़कें नहीं मिल रही हैं
भ्रष्टाचार और जनधन की बर्बादी का आरोप
मुकाती ने पत्र में सवाल उठाया है कि आखिर सिर्फ कुछ महीने में ही सड़कों की यह हालत कैसे हो गई? उन्होंने इसे जनधन के दुरुपयोग और प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा बताते हुए निर्माण एजेंसियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
यह हालत है नेशनल हाईवे की
केंद्र और राज्य दोनों से की अपील
पत्र की प्रतिलिपि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को भी भेजी गई है। मुकाती ने मांग की है कि केंद्र और राज्य सरकार संयुक्त रूप से इस प्रकरण की जांच कराए, दोषियों को सजा दिलाए और सड़कों की तत्काल मरम्मत गुणवत्तापूर्ण ढंग से कराई जाए।