इंदौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की चार दिनी बैठक एक से चार अगस्त तक होने जा रही है। संघ के संपर्क विभाग की इस अहम बैठक में देश भर के संघ के पदाधिकारी विविध सत्रों में आने वाले हैं। इस बैठक में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रय होसबोले और राष्ट्रीय संपर्क प्रमुख रामलाल भी शामिल होंगे। वहीं बैठक के पहले बुधवार को भोपाल में सीएम डॉ. मोहन यादव ने संघ के दफ्तर जाकर होसबोले व अन्य पदाधिकारियों से बैठक की। इसे संघ और सत्ता के बीच भविष्य के समन्वय के लिए अहम माना जा रहा है। इस बैठक की चर्चा का असर इंदौर की बैठक में दिख सकता है।
संघ दफ्तर, नक्षत्र इन जगह पर होगी बैठकें
1 अगस्त से 4 अगस्त के बीच इंदौर में संघ बैठकें विविध सत्र में चलेंगी और हर सत्र में अलग-अलग पदाधिकारी रहेंगे। संघ दफ्तर के साथ ही बैठख नक्षत्र में भी होगी। बैठक में शामिल होने के लिए पदाधिकारियों के इंदौर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि संघ और जनता के बीच संपर्क की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी संपर्क विभाग की इस राष्ट्रीय बैठक में विभाग के 200 शीर्ष पदाधिकारी चार दिन तक अलग-अलग मुद्दों पर गहन मंथन करेंगे। इस बैठक में करीब 25 सत्र होंगे। बैठक में मप्र-छग के प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी प्रांत कार्यवाहक विनित नवाथे, प्रांत प्रचारक राजमोहन और अन्य उपस्थित रहेंगे।
यह होगा अहम बैठकों में
इंदौर में आयोजित होने वाली इस बैठक में संघ के अलग-अलग प्रांत और क्षेत्र के संपर्क और सहसंपर्क प्रमुख अपने सालभर के कामकाज की जानकारी देने के साथ ही जनता के बीच से संघ को लेकर जो फीडबैक मिल रहा है, उसकी जानकारी भी नेतृत्व के सामने रखेंगे। बताया जा रहा है कि वहीं बैठक में संघ के 11 क्षेत्र और सभी प्रांत के संपर्क और सहसंपर्क प्रमुख के साथ ही राष्ट्रीय सहसंपर्क प्रमुख सुनील देशपांडे और रमेश पप्पाजी भी मौजूद रहेंगे। इस बैठके साथ ही इंदौर में संघ के बौद्धिक विभाग की प्रांतीय बैठक भी 3 और 4 अगस्त को इंदौर में आयोजित की जा रही है। इस बैठक में प्रांतीय टीम के करीब 200 पदाधिकारी शामिल होंगे। इसमें संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख सुनील भाई मेहता मौजूद रहेंगे।
केंद्र से प्रतिबंध हटने और हाईकोर्ट के आदेश की भी चर्चा संभव
संघ की गतिविधियों में शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को केंद्र ने नौ जुलाई को हटा दिया है। इसके साथ ही हाल ही में इंदौर हाईकोर्ट का अहम फैसला भी आया है जिसमें इस प्रतिबंध के फैसले को हटाने में केंद्र को लगे 50 साल को दुर्भाग्य पूर्ण बताने के साथ ही संघ के काम की जमकर तारीफ की थी और प्रतिबंध लगाने को सनक बताया था। इस आदेश पर भी चर्चा संभव है। इस आदेश के बाद अब सरकारी कर्मचारियों के संघ की गतिविधियों में शामिल होने में बढ़ोतरी संभव है।
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