संजय गुप्ता, INDORE : पत्र तो अपने लोग एक-दूसरे को लिखते ही है, इसमें कोई खास बात नहीं है, लेकिन एक चोर को पिता ने पत्र ( Letter ) लिखा है। यह अनोखा है लेकिन इस पत्र में इस पिता की मजबूरी और दर्द छिपा हुआ है और चोर से वह उसकी चुराई गई बाइक को वापस मांग रहा है। चोर सीसीटीवी में बाइक चुराते दिख रहा है, भंवरकुआं थाने में केस भी हो गया लेकिन अभी उसकी बाइक नहीं मिली है।
यह है मामला
मामला मूसाखेड़ी निवासी सतीश साल्वे ( Satish Salve ), 27 का है। वह भंवरकुआ ( Bhanwarkua ) क्षेत्र स्थित एक कंपनी में जॉब करते हैं। 4 जून को उन्होंने अपनी बाइक भंवरकुआ चौराहा स्थित वेदा बिजनेस पार्क के बेसमैंट (2) में खड़ी की थी। शाम 6.30 बजे जब वे घर जाने के लिए बाइक लेने गए तो नहीं मिली। बेसमैंट में सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी रहती है, लेकिन उन्हें भनक तक नहीं लगी। अगले दिन साल्वे भंवरकुआ थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराई।
यह लिखा है भावुक पत्र
आदरणीय चोर साहब,
मेरी हीरो पैशन प्रो गाड़ी ( MP09-QK178 ) आप वेदा बिजनेस पार्क से चुरा कर ले गए हैं। आप चोरी करते हुए कैमरे में कैद हुए हैं। मेरा नाम सतीश साल्वे है। मैं एक निजी ऑफिस में एक छोटे पद पर कर्मचारी हूं। मुझे हर महीने सिर्फ आठ हजार रुपए मिलते हैं। मैंने जिंदगी भर की कमाई से इस गाड़ी को खरीदा था। जब से मेरी गाड़ी चोरी हुई है तब से मैं सो नहीं पाया हूं। मैं बहुत दुखी हूं। मेरे पिताजी भी नहीं हैं। मेरी तीन छोटी बहनें भी हैं और पूरे परिवार का भार मुझ पर है। मैं बहुत मजबूर हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि मेरा ये मैसेज आप तक जरूर पहुंचेगा। मेरी मजबूरी समझिए चोर साहब। मेरी गाड़ी लौटा दीजिये। मैं आप को दुआ दूंगा। मैं गरीब इंसान हूं। मेरी जिंदगी भर की कमाई यह गाड़ी है। मेरा बच्चा गाड़ी पर घूमने के लिए रोता है। मैं उसे क्या जवाब दूं, जो हर रोज इस गाड़ी पर घूमता था उसने खाना भी छोड़ दिया है। और मेरे पास अब दूसरी गाड़ी खरीदने के पैसे भी नहीं हैं। मैं आपको हर गली मोहल्ले में ढूंढ रहा हूं। कृपा कर मेरी गाड़ी लौटा दीजिए।
निवेदक : सतीश साल्वे
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