INDORE : इंदौर की भूमाफियाओं की सबसे ज्यादा पीड़ित आईडीए की स्कीम 171 को आखिरकार 30 साल के संघर्ष के बाद मुक्ति मिलने वाली है। इसके लिए आईडीए ने 5.84 करोड़ रुपए राशि भरने का प्रारूप आखिरकार जारी कर दिया है। यानी इस दो माह के भीतर अब यह राशि संबंधित संस्थाओं और भूस्वामियों द्वारा भरी जाएगी और स्कीम आईडीए से मुक्त हो जाएगी। यह जमीन भूमाफिया दीपक मद्दा और उनके साथियों से प्रभावित रही है।
इन सभी के प्रयासों से हो रहा बड़ा काम
विधायक महेंद्र हार्डिया इसके लिए लंबे समय से लगे थे। तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामय इसमें बड़ा काम हुआ और तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह के आदेश पर भूमाफियाओं से मुक्त कराया गया, तत्कालीन अपर कलेक्टर अभय बेडेकर ने सभी के दस्तावेज जांचकर कब्जा दिलवाया। लेकिन प्रारूप जारी होना बाकी रह गया। अब सीएम डॉ. मोहन यादव के प्रयासों के बाद संभागायुक्त दीपक सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह और आईडीए सीईओ आरपी अहिरवार ने इसके लिए प्रयास कर पूरी सूची बनाई और अब यह प्रारूप जारी कर दिया गया है। इससे दो हजार से ज्यादा पीड़ितों को 30 साल बाद राहत मिल रही है।
कुल 115 हेक्टेयर जमीन हो रही है मुक्त
आईडीए द्वारा विविध संस्था वार और साथ ही व्यक्तिगत भूस्वामियों के सर्वे नंबर के साथ जमा होने वाली राशि का प्रारूप जारी कर दिया है। कुल 115 हेक्टेयर जमीन मुक्त हो रही है और इसके लिए 5.84 करोड़ रुपए राशि भरी जाएगी। दो माह के भीतर सभी को यह राशि भरना होगी।
यह भरेंगे राशि
- देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था की 17.851 हेक्टेयर जमीन मुक्त हो रही है, राशि 90 लाख भरना होगी
- न्याय विभाग कर्मचारी संस्था की 13.872 हेक्चेयर जमीन और राशि 69.94 लाख भरना होगी।
- लक्ष्मण संस्था की दो होक्टेयर जमीन मुक्त होगी और 14.83 लाख राशि जमा होगी
- सूर्या संस्था की दो हेक्टेयर जमीन मुक्त होगी 10 लाख राशि भरना होगी
- मारूती संस्थआ की करीब 1 हेक्टेयर जमीन मुक्त होगी 5 लाख भरना होंगे
- सन्नी कोअपरेटिव संस्था की करीब .04 हेक्टेयर मुक्त होगी 2.14 लाख भरना होगे
- रजत संस्था की 0.,668 हेक्टयर मुक्त होगी 3.36 लाख राशि भरना होगी।
इनकी भी जमीन मुक्त होगी
इसके साथ ही व्यक्तिगत भूस्वामी के सर्वे नंबर है जिसमें इंदौर प्रापर्टी के डायरेक्टर सुखदेव सिंह घुम्मन, श्रीराम बिल्डर्स के शशीभूषण खंडेलवाल, डायमंड इंफ्रास्ट्रक्चर के अजय जैन, रचना कंस्ट्रक्शन, नेवित बिल्डर्स, राजेश पिता सुरेशचंद्र चेलावत, गोल्ड स्टार रियल एस्टेट, ईशाकृपा रियल एस्टेट, संजना गृह निर्माणा, मेसर्स कनिष्का, अप्सरा गृह निर्माण व अन्य की भी जमीन के सर्वे नंबर शामिल है।
इस तरह चला संघर्ष
आईडीए ने साल 1991-92 में यहां स्कीम 132 लागू की थी। इसमें आपत्ति लगी मामला कोर्ट गया और वहां से स्कीम निरस्त हो गई। आईडीए के बाद भी मुआवजा देने योग्य राशि नहीं थी। बाद में आईडीए ने यहां 2009 में स्कीम 171 लागू कर दी। इसमें 13 संस्थाओं के हजारों पीड़ित उलझ गए। लगातार स्कीम खत्म करने की मांग हुई। इसी दौरान भूमाफिया इसमें आ गए औऱ् जमीनों की खरीदी-बिक्री शुरू हो गई। फरवरी 2020 में सरकार ने फैसला लिया जिसमें कोई काम नहीं हुआ वह रात 12 बजे से लैप्स होती है, जिसमें दस फीसदी से कम काम हुआ इसमें विकास खर्च की राशि भरकर स्कीम मुक्त होगी। इसी में स्कीम 171 के लिए प्रस्ताव पास हुआ कि वह 5.84 करोड़ रुपए भरना होंगे। बाद में सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार में नियम बने और प्रारूप पास कर राशि जमाकर स्कीम लैप्स करने का नियम आया। लेकिन इसके बाद से ही मामला अटका हुआ था। फिर इसमें कलेक्टर आशीष सिंह ने पहल की और विधायक महेंद्र हार्डिया ने भी लगातार मांग रखी, इसके बाद आईडीए सीईओ अहिरवार ने टीम लगाकार इसमें सहकारिता विभाग से सूची ली और प्रशासन से जांच कराने के बाद प्रारूप बनवाया। इसे संभागायुक्त जो आईडीए के चेयरमैन है दीपक सिंह उन्होंने भी पॉजीटिव रूख अपनाया और मंजूर किया। इसके बाद यह प्रारूप जारी हो रहा है।
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