इंदौर श्री गुरु सिंघ सभा चुनाव के लिए नाम स्क्रूटनी के बाद नामांकन भरने वालों की सूची लग गई है। अब सिख समाज में चर्चा का विषय है कि क्या छाबड़ा दोनों भाटिया पर भारी पड़ेंगे क्योंकि छाबड़ा का वोट बैंक भाटिया पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। हालांकि नाम वापसी के बाद ही सही आंकलन होगा।
अब इंतजार है कि इसमें से नाम वापस कौन लेता है। नाम वापसी गुरुवार को होना है और इसी दिन अंतिम दावेदारों की सूची चस्पा हो जाएगी। सभी की नजरें रिंकू भाटिया, मोनू भाटिया और बॉबी छाबड़ा पर लगी हुई है। रिंकू ने केवल अध्यक्ष के लिए नामांकन दिया है, लेकिन मोनू और ब़ॉबी ने अध्यक्ष और सचिव दोनों पदों के लिए नामांकन भरे हैं।
अध्यक्ष और सचिव दोनों के लिए यह है दावेदार
अध्यक्ष पद के लिए खंडा पैनल से वर्तमान अध्यक्ष रिंकू उर्फ मनजीत सिंह भाटिया ने नामांकन भरा है। वहीं फतेह पैनल के हरपाल सिंह उर्फ मोनू भाटिया, खालसा पैनल के रणवीर सिंह उर्फ बॉबी छाबड़ा, बॉबी के ही करीबी कुलवंत सिहं उर्फ कांचा छाबड़ा और इसके साथ ही प्रितपाल सिंह उर्फ बंटी भाटिया, राजवीर सिंह होरा ने फार्म भरा है। वहीं सचिव पद के लिए पांच नामाकंन आए। इसमें इंदरजीत सिंह होरा, मोनू भाटिया, बॉबी छाब़ड़ा. प्रितपाल सिंह बंटी भाटिया, राजवीर सिंह होरा, कुलवंत सिंह छाबड़ा शामिल है। वहीं कार्यकारिणी के 17 पदों के लिए 40 उम्मीदवार है।
क्या है भाटिया और छाबड़ा का वोट गणित
- इंदौर श्री गुरु सिंघ सभा की मतदाता संख्या करीब 12 हजार है।
- इसमें छाबड़ा, खनूजा, अरोरा, सलूजा, टूटेजा का वोट बैंक 5900 का है।
- वहीं भाटिया के वोट बैंक की बात करें तो इनकी संख्या 3900 है।
इस गणित के हिसाब से माना जा रहा है कि भाटिया वोट बंटने से छाबड़ा का पलड़ा भारी है। भू माफिया के रूप में जाने वाले बॉबी की लोकप्रियता सिख समाज में अच्छी मानी जाती है। 11 साल पहले जब गुरसिंह सभा के चुनाव हुए थे, जब बॉबी छाबड़ा जेल से छूटे ही थे तब भी संगत ने नवाजा था। वहीं मोनू भाटिया के पिताजी गुरदीप सिंह भाटिया और रिंकू भाटिया भी खालसा पेनल से चुनाव लड़ चुके है । खालसा पैनल बॉबी छाबड़ा के पिता इन्दर सिंह छाबड़ा के नाम से जाना जाता था।
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