5 बच्चों की मौत वाला श्री युगपुरूष आश्रम श्रीराम जन्म भूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी स्वामी परमानंद गिरी का, 38 अभी भी भर्ती

श्री युगपुरूष धाम आश्रम को श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी स्वामी परमानंद गिरी महाराज के सानिध्य में चल रहा है। इस आश्रम के पास ही उनका परमानंद अस्पताल भी संचालित होता है। 

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Sanjay gupta
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युगपुरूष आश्रम श्रीराम
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पंचकुईया रोड स्थित श्री युगपुरूष धाम आश्रम, इंदौर में तीन दिन में हुई 5 बच्चों की मौत के बाद नेता और अधिकारियों के दौरे आश्रम से लेकर अस्पताल तक शुरू हो गए हैं। लेकिन अभी तक आश्रम के संचालकों पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। बताया जा रहा है कि इसके लिए सबसे बड़ा कारण दबाव है। 

यह आश्रम और कोई नहीं बल्कि श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी स्वामी परमानंद गिरी महाराज के सानिध्य में चल रहा है। इस आश्रम के पास ही उनका परमानंद अस्पताल भी संचालित होता है। स्वामी परमानंद महाराज ने नेक नियत से इसे शुरू किया, लेकिन यहां के संचालकों की लापरवाही ने पांच बच्चों की जान ले ली। 

इसके बाद भी अभी बड़ी कार्रवाई का सभी को इंतजार है। जबकि कलेक्टर खुद कह चुके हैं कि आश्रम को जल्द जानकारी देना थी, यदि ऐसा होता तो स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती।

अभी तक 38 बच्चे हुए भर्ती

मौत के बाद अधिकारी, नेताओं के दौरे जारी है। यह बात अलग है कि इसके पहले इन्होंने आश्रम में झांका तक नहीं, जबकि नियमानुसार हर माह निरीक्षण जरूरी होता है। कलेक्टर आशीष सिंह ने टीम बनाकर अब सभी आश्रम, संस्थानों की जांच के आदेश कर दिए हैं। 

वहीं युगपुरूष धाम के अभी तक 38 बच्चों को चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है। इसमें चार की हालत गंभीर है और उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है। हालांकि कलेक्टर आशीष सिंह ने गुरुवार सुबह फिर दौरा कर हालत जानी और उन्होंने कहा कि आईसीयू में भर्ती बच्चे पहले से बेहतर है। 

सीएम ने जांच के आदेश दिए

घटना के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव ने इस मामले को गंभीरता से लिया और कलेक्टर को जांच के आदेश दिए। कलेक्टर ने भी तत्काल पहले तो असवेंदनशीलता दिखाने वाले एसडीएम ओम बड़कुल को मल्हारगंज से हटा दिया। 

हालाकि इस हंसी- ठिठोली में शामिल महिला व बाल विकास अधिकारी रामनिवास बुधौलिया पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। वहीं अपर कलेक्टर व आईएएस गौरव बैनल की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बना दी गई। 

इसमें संयुक्त संचालक महिला व बाल विकास डॉ. संध्या व्यास, विभागाध्यक्ष शिशु रोग डॉ. प्रीती मालपानी और वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रीलेखा जोशी को शामिल किया गया है। 

मंत्री ने पूछा कैसे हुआ, आश्रम वाले बोले नहीं पता

घटना के बाद मंगलवार से ही आश्रम और अस्पताल में दौरे शुरू हो गए हैं। रात को मंत्री कैलाश विजयवर्ग्रीय और मंत्री तुलसी सिलावट अस्पताल पहुंचे। फिर सुबह मंत्री सिलावट ने एक बार और दौरा किया। उन्होंने आश्रम वालों से पूछा कैसे हुआ? इस पर वह बोले हमे नहीं पता, कुछ समझ नहीं आ रहा है। सारी व्यवस्थाएं सही है, जो खाना बच्चों ने खाया, वह हम सभी ने भी खाया। 

आश्रम पर आरोप लगाने वाले कांग्रेस महासचिव राकेश यादव,

कलेक्टर ने वजह बताई फूड प्वाइजनिंग

वहीं कलेक्टर आशीष सिंह ने इस घटना की वजह फूड प्लाइजनिंग बताई है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने जो जांच की और लक्षण दिखे वह फूड प्वाइजनिंग के हैं। खाने और पानी सभी के सैंपल लेकर जांच हो रही है। यहां पूरी डॉक्टर की टीम रखी गई है, जो बच्चों के स्वास्थ्य की लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। उन्होंने माना कि आश्रम ने बच्चे की मौत की जानकारी देने में देरी की। अगर जानकारी तत्काल आ जाती तो, इससे हम स्थिति और गंभीर होने से रोक पाते। 

द सूत्र ने पहले ही कहा लापरवाही ने ली जान

द सूत्र ने मंगलवार को भी अधिकारियों के मौत पर हंसने की खबर की। साथ ही इस बड़ी घटना में भी अधिकारियों और जिम्मेदारों के कुंभकर्णी नींद में सोने को लेकर कहा था कि पहली मौत 30 जून को हुई थी, लेकिन इसे मिर्गी व अन्य स्वास्थ्य कारण बताकर शांति रख ली।

इसी दिन एक बच्चे को उल्टी दस्त की समस्या के कारण भी भर्ती कराया गया, जिस पर कोई गंभीरता नहीं बरती गई। इसके बाद 30 जून को एक की मौत हुई, फिर 1 जुलाई को सुबह और रात को एक- एक मौत हुई। दो जुलाई को जब अधिकारी आश्रम की जांच कर बोल रहे थे कि स्थिति सही है और प्रंबधन की लापरवाही नहीं है, इसी दौरान दो और मौत हो गई। 

अस्पताल में एक के बाद एक होते रहे भर्ती

मंगलवार सुबह करीब 7 बजे 12 बच्चों को अस्पताल भेजा गया। दोपहर करीब 12 बजे तक हॉस्टल संचालिका अनिता शर्मा और एसडीएम बड़कुल बच्चों की स्थिति ठीक बताते रहे। आश्रम में बच्चों के सैंपल लिए जाने की बात कही। करीब 2 बजे हालत गंभीर होने पर 17 बच्चों को अस्पताल भेजना शुरू किया गया। 

छोटा गोविंद और रानी हिमानी ने आश्रम परिसर में ही दम तोड़ दिया। छोटा गोविंद को अस्पताल भेजा गया, यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं रानी हिमानी ने आश्रम में चेकअप के दौरान ही दम तोड़ दिया। इसके बाद देर रात को आश्रम में पांच और बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर भर्ती कराया गया। बुधवार सुबह फिर और कुछ बच्चों में लक्षण दिखने पर लाया गया है। कुल 38 बच्चे भर्ती हो चुके हैं। 

इनकी हुई मौत

इन पांच बच्चों की मौत हुई- शुभम उर्फ करण, आकाश, शुभ, रानी हिमानी और छोटा गोविंद। रविवार को शुभम उर्फ करण ने दम तोड़ा, उसे फिट की बीमारी थी। सोमवार देर रात आकाश और मंगलवार सुबह शुभ की मौत हो गई। बुधवार को छोटा गोविंद और रानी हिमानी की मौत हुई। इन सभी की उम्र 5 से 13 साल के बीच है।

इधर कांग्रेस के आरोप, शादियों का बचा खाना खिलाया

उधर कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश यादव ने गुरूवार को नया आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि संचालिका अनिता शर्मा एंव सचिव तुलसी राम शादीजा की संदिग्ध भूमिका है। जानकारी मिली हैं कि अनाथ आश्रम में बच्चों को शादियों में बचा हुआ खाना खाने को दिया जाता था। शादियों के मौसम में आश्रम का किचन लगभग बंद ही रहता था। आश्रम का सचिव तुलसी शादीजा सारा मेनेजमेंट करता था।

शादियों से बचा हुआ खाना मंगाने के लिए वाहन की व्यवस्था भी कर रखी थी। इस सारे खेल में आश्रम के सचिव एंव संचालिका ने जमकर पैसा सरकार का लूटा हैं। शासन प्रतिवर्ष 70 लाख का फंड आश्रम को देता हैं। 

बच्चों के खाने का बजट शादियों एंव दान दाताओं से खाना मंगवाया और राशि खुद रख ली गई। जबकि बच्चों को बाहर का खाना देना नियम के खिलाफ हैं। आश्रम की संचालिका एंव सचिव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला तत्काल दर्ज करना चाहिए। यादव ने यह भी आरोप लगाए कि आश्रम से बच्चों को नाम सारे शहर से अवैध वसूली करने वाला सचिव तुलसी शादीजा शराब और पार्टियों का भी शौकीन हैं। 

जवाहर मार्ग पर इसकी बर्तन की दुकान हैं। आश्रम के अनेक कार्यों के लिए तुलसी शादीजा ने कमीशन तय कर रखा है। जिला प्रशासन को तत्काल संचालिका अनिता शर्मा एंव सचिव तुलसी शादीजा के समस्त बैंक एकाउन्ट सीज करके मोबाइल कॉल डिटेल एंव व्हाट्स अप चेट जब्त करना चाहिए।

sanjay gupta

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