इंदौर में एक अनोखा विवाह समारोह देखने को मिला। इसमें तीन अंतरराष्ट्रीय जोड़ों ने भारतीय वैदिक परंपराओं के अनुसार विवाह करने का फैसला किया। इटली, अमेरिका और पेरू से आए इन जोड़ों ने इस पवित्र भूमि पर न केवल योग का अभ्यास किया, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति अपनी आस्था भी दिखाई। शनिवार 28 दिसंबर को मेहंदी और हल्दी की रस्मों के साथ उनकी शादी की शुरुआत हुई।
वैदिक परंपरा के अनुसार होंगे सात फेरे
तीनों जोड़े कल उज्जैन के एक योग आश्रम में हिंदू रीति-रिवाज से विवाह करेंगे। इन जोड़ों की यह अनूठी शादी भारतीय संस्कृति की गहराई को अपनाने और वैश्विक स्तर पर उसका सम्मान करने का एक उदाहरण है। इटली, अमेरिका और पेरू के तीन जोड़ों ने भारतीय वैदिक परंपराओं के अनुसार विवाह करने का फैसला किया है। इन जोड़ों ने इंदौर में योग का अध्ययन किया और भारतीय संस्कृति को गहराई से समझा, जिसके बाद उन्होंने विवाह के लिए भारतीय रीति-रिवाज अपनाने का फैसला किया।
बैंड-बाजे के साथ विवाह उत्सव की शुरुआत
मेहंदी और हल्दी की रस्मों के साथ शादी का जश्न शुरू हो गया है। जोड़ों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पारंपरिक बैंड और ढोल की थाप पर जश्न का लुत्फ उठाया। इस दौरान शादी समारोह में शामिल लोगों को भारतीय संस्कृति के रंग देखने को मिले।
योग और भारतीय परंपराओं से हुआ गहरा जुड़ाव
तीन विदेशी जोड़े इंदौर में परमानंद इंस्टीट्यूट ऑफ योगा साइंस एंड रिसर्च इंडिया में योग का प्रशिक्षण लेने आए थे। यहीं पर उन्हें भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और विवाह की पवित्रता समझ में आई। जिससे उनके रिश्ते और गहरे हुए।
शादी की अनोखी रस्मों को लेकर अचरज
इतालवी जोड़े मार्टिना और डेरियो का कहना है कि उन्हें हल्दी और मेहंदी की रस्में बहुत पसंद आईं। ऐसी अद्भुत परंपराएं दुनिया के अन्य देशों में देखने को नहीं मिलतीं। ये अनूठी रस्में इस शादी को और भी खास बना रही हैं।
3 जनवरी को लौटेंगे इटली
शादी कर रहे तीनों के नाम डारियो (विष्णु आनंद) संग मार्टिना (मां मंगलानंद), इअन (आचार्य रामदास आनंद) संग गेब्रियला (मां समानंद) और मॉरजिओ (प्रकाशानंद) संग नेल्मास(मां नित्यानंद) हैं। तीनों कपल इंदौर से 3 जनवरी को इटली लौट जाएंगे।
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