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इंदौर- उज्जैन रोड पर बारोली टोल नाके पर शुक्रवार ( 28 जून ) को शिशुकुंज स्कूल की बसों द्वारा टोल नहीं दिए जाने के कारण रोक लिया गया था। काफी देर तक स्कूल बसों में बच्चे परेशान होते रहे। इस विवाद के बाद अब स्कूल ट्रांसपोर्ट मैनेजर की शिकायत पर टोल नाका मैनेजर पर FIR दर्ज कर ली गई है।
बाणगंगा थाने में टोल नाका मैनजेर प्रतीक कसेरा पर केस दर्ज किया है। शिशुकुंज स्कूल ट्रांसपोर्ट मैनेजर चैतन्य कुमावत की शिकायत पर धारा 341, 294, 506, 34 में केस दर्ज किया है।
एफआईआर में लिखा है कि स्कूल बस रूट नंबर 11 चालक बहादुर सिंह ने स्कूल में बताया कि बारोली टोल नाके सांवेर रोड पर टोल नाका मैनेजर प्रतीक कसेरा व उनके साथियों ने रोक लिया था।
बताया गया कि स्कूल की बसों द्वारा टोल नाके की पर्ची कटवाना होगी। मैंने कहा कि स्कूल जाकर मैनेजमेंट को बता दूंगा। इस पर कसेरा व उनके साथियों ने गालियां दी और अभद्र व्यवहार किया और कहा कि पर्ची नहीं कटवाई तो इन्हें जान से खत्म कर देना।
स्कूल प्रबंधन का कहना है कि स्कूल बसों को कामर्शियल नहीं माना जा सकता है, यह शैक्षणिक उपयोग के लिए होती है। इन्हें यदि कामर्शियल माना जाएगा तो एक मिनी बस के महीने के 18 हजार लगेंगे, जो अभी 3050 में पास बनता है।
वहीं बड़ी बस के 37 हजार लगेंगे, जो अभी 6200 में बनता है। वहीं टोल संचालकों का कहना है कि स्कूल वाले फ्री में तो बच्चों को नहीं ले जाते हैं। वह भी बच्चों से फीस लेते हैं, कामर्शियल गतिविधियां कर रहे हैं तो फिर टोल क्यों नहीं लगेगा। इतना बड़ा स्कूल है, लेकिन 6 माह से टोल नहीं दे रहे हैं। हम कोर्ट जाएंगे।