इंदौर में 3 महीने में ही 8 बड़े तालाबों का गहरीकरण, 290 जल स्रोतों का पुनरुद्धार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में “जल जागरूकता एवं जल स्रोत संरक्षण अभियान” का सफल आयोजन 30 मार्च से 30 जून 2025 तक इंदौर में किया गया।
MP News: इंदौर में जल संकट से निपटने और भविष्य के लिए जल भंडारण क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से नगर निगम ने व्यापक जल संरचना अभियान चलाया है। इसके तहत कनाडिया, छोटा बांगड़दा जैसे 8 प्रमुख तालाबों का गहरीकरण और सफाई की गई।
27 तालाबों में 24 चैनलों से अतिरिक्त गाद हटाई गई, 275 कुओं और 15 बावड़ियों का संरक्षण किया गया। वहीं 23 हजार घरों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ा गया। इसको लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 3 महीने पहले जल जागरुकता अभियान का संदेश दिया था। उसी के बाद से शुरू हुए जीर्णोद्धार कार्य से तस्वीर ही बदल गई।
23 हजार से ज्यादा घरों में पहुंचा जल संरक्षण संदेश
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के मार्गदर्शन और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में “जल जागरूकता एवं जल स्रोत संरक्षण अभियान” का सफल आयोजन 30 मार्च से 30 जून 2025 तक इंदौर में किया गया। इस अभियान का उद्देश्य नागरिक भागीदारी के जरिये जल संरक्षण और पुराने जल स्रोतों के पुनर्जीवन को प्रोत्साहित करना था।
इस तरह से चलाया अभियान
जनभागीदारी से रचा गया नया कीर्तिमान
नगर पालिक निगम, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और आयुक्त शिवम वर्मा के निर्देशानुसार इस अभियान को अत्यंत गंभीरता से लिया गया। जन-जागरूकता बढ़ाने और जल संसाधनों के संरक्षण व पुनर्जीवन को प्राथमिकता दी गई। जलकार्य समिति प्रभारी अभिषेक (बबलू) शर्मा और निगम अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया द्वारा जल संसाधनों के संरक्षण और पुनर्जीवन से संबंधित कार्यक्रमों की योजना तैयार की गई, जिसके अंतर्गत जनप्रतिनिधियों, रहवासी समितियों और आम नागरिकों की भागीदारी से रैली, बैठकें, जलपथ यात्रा, मानव श्रृंखला और विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इस तरह से चलाया अभियान
प्रमुख आयोजन और कार्यक्रम
श्रमदान कार्यक्रम - कनाड़िया तालाब
मुख्यमंत्री मोहन यादव, महापौर पुष्यमित्र भार्गव एवं निगम आयुक्त शिवम वर्मा की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम में 4000 से अधिक नागरिकों ने भाग लेकर श्रमदान किया और जल स्रोतों के संरक्षण का संदेश दिया।
जल मंथन कार्यक्रम - रविंद्र नाट्यगृह
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम में निगमायुक्त शिवम वर्मा की अध्यक्षता में जल संकट और उसके स्थायी समाधान पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
मानव श्रृंखला - रणजीत हनुमान मंदिर से महूनाका
महापौर पुष्यमित्र भार्गव और जलकार्य समिति प्रभारी अभिषेक (बबलू) शर्मा के नेतृत्व में लगभग 800 नागरिकों की भागीदारी से मानव श्रृंखला बनाई गई, जिसने जल संरक्षण का सामूहिक संदेश दिया।
वाकथॉन एवं चित्रकला प्रतियोगिता - रविंद्र नाट्यगृह
महापौर पुष्यमित्र भार्गव एवं जलकार्य समिति प्रभारी अभिषेक शर्मा की उपस्थिति में वाकथॉन का आयोजन किया गया। इसके पश्चात जल गंगा संवर्धन पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें प्रतिभागियों ने रचनात्मकता से जल विषय को प्रस्तुत किया।
साइक्लोथॉन - रीजनल पार्क से जीपीओ
अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया और जलकार्य प्रभारी अभिषेक शर्मा के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में 300 से अधिक साइक्लिस्टों ने हिस्सा लिया और रैली के माध्यम से जल संरक्षण का संदेश प्रसारित किया।
"चलो मम्मा" कार्यक्रम - नेहरू स्टेडियम
इस आयोजन में 500 से अधिक महिलाओं एवं बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और रैली के माध्यम से जल संरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
इस तरह से चलाया अभियान
जल स्रोतों का पुनरुद्धार
8 प्रमुख तालाबों (जैसे कनाड़िया, छोटा बांगड़दा आदि) का गहरीकरण, सिल्ट सफाई, जलधारण क्षमता वृद्धि और साफ-सफाई नागरिक भागीदारी, CSR और निगम की मशीनरी द्वारा की गई।
27 तालाबों की 24 चैनलों (लगभग 30.5 किलोमीटर लंबी) से अतिरिक्त गाद हटाकर गहरीकरण किया गया, जिससे वर्षा जल की आवक बढ़ाई जा सके।
290 पुराने जल स्रोतों का संरक्षण किया गया, जिनमें 275 कुएं और 15 बावड़ियों की सफाई हुई। विशेष रूप से चंद्रभागा बस्ती में लगातार 50 दिनों तक सफाई कर 350 क्यूबिक मीटर गाद निकाली गई।
परकोटा, मयूर नगर, पीपल्याहाना आदि क्षेत्रों के पुराने कुओं से गाद निकालकर उन्हें पुनर्नवीनीकरण किया गया तथा रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किए गए।
जलभराव वाले क्षेत्रों में आउटलेट शाफ्ट बनाकर वर्षा जल को सीधे जमीन में रिचार्ज करने की व्यवस्था की गई।
नगर निगम क्षेत्र के 23,000 घरों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से जोड़ा गया तथा 125 रिचार्ज शाफ्ट CSR और निगम के सहयोग से बनाए गए। वर्तमान में 50 रिचार्ज शाफ्ट निर्माणाधीन हैं।
नागरिकों को मुहिम से जोड़ा
“जल जागरूकता अभियान” मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की एक निर्णायक पहल है, जिसने न सिर्फ इंदौर को स्थायी जल संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ाया बल्कि नागरिकों को भी इस मुहिम से जोड़ा। नगर निगम द्वारा इस अभियान को भविष्य में भी विस्तार देने की योजना है, जिससे इंदौर में जल संरक्षण एक जन-आंदोलन का रूप ले सके।