इंदौर के रामचंद्र नगर स्थित मानसिक दिव्यांग युग पुरुष धाम आश्रम में 6 बच्चों की मौत के बाद जून माह में ही दो बच्चों की मौत की खबरें चल रही है। लेकिन द सूत्र को मुक्तिधाम के रजिस्टर से मिली जानकारी के अनुसार जून में युगपुरूष आश्रम से अन्य किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है।
मई में जरूर एक मौत रजिस्टर है, जिसकी जांच कमेटी कर रही है कि उसे संबंधित अधिकारियों को बताया गया था या नहीं। हालांकि आश्रम में 11 बच्चों के रिकार्ड मिसमैच है, यह कहां पर है, इसकी जांच कमेटी कर रही है। उधर अभी तक 11 बच्चों में हैजा (कॉलरा) होने की पुष्टि हुई है और आश्रम से लिए गए पानी के सैंपल भी दूषित पाए गए हैं।
सभी मौतों और 11 बच्चों के रिकार्ड की जांच कर रही कमेटी
जून में मौत छिपाने की चल रही खबरों पर जिला प्रशासन ने मुक्तिधाम के रजिस्टर को जांचा है। इस तरह की कोई मौत रजिस्टर में दर्ज नहीं है और ना ही कोई अन्य रिकार्ड है। आश्रम में दर्ज सभी बच्चों के रिकार्ड को कमेटी बारीकी से जांच कर रही है।
प्रारंभिक तौर पर आश्रम में रिकार्ड बच्चों की संख्या और भौतिक सत्यापन में 11 बच्चे कम निकले, इसकी जांच के दौरान आश्रम संचालकों ने कमेटी को बताया कि वह परिजनों के पास व अन्य जगह गए हैं।
उनके बयानों की जांच की जा रही है और सत्यापन कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि 9 बच्चों के सत्यापन हुए हैं, लेकिन कमेटी कोई चूक नहीं करना चाहती है इसलिए फिर से उन्हें क्रास चेक कर रही है, दो बच्चों के नाम को लेकर असमंजस है, उसे भी देखा जा रहा है।
आश्रम में कौन-कौन है अध्यक्ष, सचिव और कार्यकारिणी में
द सूत्र ने आश्रम के संचालकों की जानकारी निकाली है। ट्रस्ट की शुरुआत परमानंद गिरी महाराज (राम मंदिर के ट्रस्टी) द्वारा की गई थी। महाराज ने यह जमीन धनराज शादीजा को सौंपकर हॉस्पिटल खोलने का काम सौंपा। साल 2002 में धनराज शादीजा के देख रेख में परमानंद हॉस्पिटल की शुरुआत हई।
पिता के साथ तुलसी धनराज शादीजा ने भी कार्यभार संभालना शुरू कर दिया। पिता के निधन के बाद उन्होंने जिम्मेदारी संभाली। साल 2006 में इसी परिसर में ‘युग पुरुष’ स्कूल का संचालन शुरू हो गया। इसमें प्रिंसिपल अनिता शर्मा और सेक्रटरी तुलसी शादीजा हैं। अध्यक्ष शादीजा की बेटी जान्हवी पवन गुलाब ठाकुर है।
शादीजा की बेटी और दामाद भी हॉस्पिटल का कामकाज देखते हैं। कमेटी में गोविंद सोनेजा पिता हीरानंद सोनेजा उपाध्यक्ष, रचना गुप्ता कोषाध्यक्ष है। कार्यकारिणी में रामानंद कुकरेजा, विष्णु कुमार कटारिया, राधेश्याम चौहान और जय नवलानी शामिल है।
बीमार बच्चों की संख्या बढ़कर 60 हुई
गुरुवार देर रात तक बीमार बच्चों की संख्या बढ़कर 60 पर पहुंच गई है। वहीं गुरुवार को 12 बच्चों के स्वस्थ में सुधार होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया है। इन बच्चों को जिला प्रशासन ने अपनी कस्टडी में लेकर अन्य स्थान पर रेफर किया है। अभी 48 बच्चों का चाचा नेहरु अस्पताल में इलाज चल रहा है। इनमें से तीन बच्चे आईसीयू में हैं।
बोरिंग के पानी में निकले बैक्टिरिया
यह बात भी सामने आई है कि संस्था के परिसर का बोरिंग खराब होने से करीब दो हफ्ते तक टैंकर के जरिए पानी बुलाया जा रहा था। यही पानी बच्चों को भी पीने के लिए दिया जा रहा था। आश्रम में बच्चे ऐसा पानी पी रहे थे, जिसे लैबोरेटरी ने अन्य उपयोग के लायक भी नहीं माना है। गर्ल्स होस्टल और बॉयज होस्टल से आरओ मशीन और बोरिंग के पानी के कुल चार सैंपल्स लिए थे।
स्वास्थ्य विभाग की ही डिस्ट्रिक्ट पब्लिक हेल्थ लैबोरेटरी (डीपीएचएल) में इनकी जांच हुई। 48 घंटे बाद देर रात चारों रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी गई। जिसके मुताबिक गर्ल्स होस्टल में आरओ, बोरिंग और बॉयज होस्टल में बोरिंग का पानी पीने योग्य बिल्कुल नहीं था।
वहीं वॉश एरिया के पानी में बैक्टीरिया पाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार कॉलीफॉर्म काउंट 10 से ज्यादा आया है, जिसे पीने या अन्य उपयोग लायक नहीं माना जाता है। यहां के पानी में कॉलीफार्म बैक्टीरिया भी पाया है। पानी में एमपीएन काउंट है यानी पानी में सीवेज या अन्य पैथोजेन मिल रहे हैं।
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