युगपुरूष धाम आश्रम में 6 बच्चों की मौत पर कार्रवाई की जगह जमकर राजनीति हो रही है। जिला प्रशासन की कमेटी ने ट्रस्ट संचालकों पर FIR की अनुशंसा की, लेकिन इसी बीच प्रशासन ने कार्रवाई से पहले तीन दिन का नोटिस दे दिया।
नोटिस का समय खत्म हुआ तो फिर आश्रम ने 6 दिन का समय और मांग लिया। कुल मिलाकर ढुलमुल रवैया जारी है। उधर कांग्रेस रोज हमला करने में देरी नहीं कर रही है।
इसलिए हो रही देरी, बीजेपी नेता के बहू और समधी फंसे
दरअसल इस पूरे मामले में बीजेपी नेता गुलाब ठाकुर जो बीजेपी महानगर कमेटी में लंबे समय से कोषाध्यक्ष पद पर है, उनके परिजन उलझ रहे हैं। आश्रम की अध्यक्ष जान्हवी पवन गुलाब ठाकुर है, जो गुलाब ठाकुर के बेटे पवन की पत्नी यानी उनकी बहू है।
वहीं यह जान्हवी और कोई नहीं बल्कि आश्रम के मुख्य कर्ताधर्ता सचिव तुलसी धनराज शादीजा की बेटी है। यानी कि गुलाब ठाकुर और शादीजा समधी है। इस तरह बीजेपी नेता ठाकुर की बहू और समधी दोनों इस मामले में फंस रहे हैं। इसलिए उन्हें बचाने के लिए लगातार कार्रवाई में देरी कराने के लिए यहां-वहां फोन जा रहे हैं।
सिंधी समाज के नेता भी बचाव में कूदे
वहीं इस पूरे मामले में सक्रिय तौर पर एक सिंधी समाज के बडे नेता भी मैदान में कूद गए हैं। क्योंकि आश्रम में शामिल जान्हवी ठाकुर, उपाध्यक्ष गोविंद सोनेजा, सचिव शादीजा, सदस्य रामचंद कुकरेजा सभी इसी समाज से हैं।
साथ ही अन्य सदस्य विष्णु कटारिया, राधेस्यामन चौहान, जया नवलानी भी बीजेपी नेताओं से जुड़े हुए हैं। हाल ही में यह पदाधिकारी इन सिंधी नेता से भी मिले थे और इसमें बचाने की गुहाल लगाई थी। यह नेता बावड़ी हादसे के समय भी खूब सुर्खियों में आए थे।
श्री रामजन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी के कारण भी दबाव
वहीं दबाव का एक और कारण यह भी है कि यह आश्रम श्री रामजन्म भूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी स्वामी परमानंद गिरी महाराज के सानिध्य में चल रहा है। आश्रम से लगा हुआ अस्पताल भी इन्हीं का है। इन सभी तीन तरफा दबाव के चलते प्रशासन के हाथ बंधे हुए हैं।
कांग्रेस लगातार कर रही हमले
उधर कांग्रेस इस मौके में लगातार हमले कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने जहां इस मामले में जमकर आरोप लगाए तो वहीं प्रदेश महासचिव राकेश यादव भी हर दिन हमला बोल रहे हैं और गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
यह भी खुलासा हुआ है कि आश्रम में पूर्व के सालों में भी तीन बच्चों की मौत हो चुकी है, जिसका कभी मर्ग कायम नहीं हुआ और पोस्टमार्टम किया गया। खुद द सूत्र ने ऑटो चालक से बात की तो उसने बताया कि एक- दो बार बच्चों की बॉडी आश्रम से लेकर मुक्तिधाम पर गया था। कांग्रेस ने जांच कमेटी बनाकर अस्पताल, आश्रम का दौरा भी किया था। इसमें विधायक डॉ. हीरालाल अलावा के साथ शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा व अन्य कांग्रेस जन साथ थे।
एनसीपीसीआर मेंबर भी देख चुकी लापरवाही
इस मामले में एनसीपीसीआर मेंबर डॉ. दिव्या गुप्ता भी आश्रम और अस्पताल का दौरा कर चुकी है और सारे रिकार्ड जब्त कर जांच के लिए दिल्ली ले गई है। उन्होंने बताया था कि पीएम नरेंद्र मोदी इस मामले में संवेदनशील है। उनकी बैठक के दौरान भी महिला व बाल विकास अधिकारियों की लापरवाही सामने आई थी, जब वह बैठक में ही नहीं गए थे और छुट्टी होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया था।
इधर आश्रम से गायब बच्चे का दो दिन से कोई पता नहीं
उधर युगपुरुष धाम आश्रम से तेजाजी नगर स्थित अखंड परमानंद आश्रम में शिफ्ट किए गए 16 वर्षीय नाबालिग का दो दिन बाद भी सुराग नहीं मिला है। तेजाजी नगर टीआई देवेंद्र मरकाम ने बताया नाबालिग को 7 जुलाई को 122 बच्चों के साथ यहां शिफ्ट किया था। वह आश्रम से बाहर कैसे गया, इसकी जानकारी कोई नहीं दे पा रहा है। आश्रम की संचालिका शुभदा से चर्चा की तो वह बच्चे को पहचान तक नहीं पाईं।
बच्चे की पहचान उसके साथ आश्रम में रहने वाले दोस्त ने की। पुलिस ने बच्चे को फोटो के पोस्टर बनाकर बस्तियों में लगवाए हैं। कई सोशल मीडिया ग्रुप्स पर भी फोटो डालकर तलाश की जा रही है। आश्रम संचालकों ने बालक को आश्रम में रखने के दौरान उसके परिवार व घर के पते की जानकारी भी ठीक से नहीं ली। आश्रम वालों ने बच्चे का पता ही गलत लिखा था। पुलिस ने हरदा बाल कल्याण समिति के रिकॉर्ड से बच्चे का मूल पता निकाला। वह ग्राम शेखर, पोस्ट नया खेड़ा, थाना बबीना (जिला झांसी) का मूल निवासी है। अब पुलिस उसके गांव भी जा रही है।
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