MP News : शुक्रवार की रात 9.55 बजे इंदौर से पुणे जाने वाली फ्लाइट दो घंटे देरी से रवाना हुई। बताया जा रहा है कि तकनीकी खराबी के कारण यह फ्लाइट रात 11.55 बजे के बाद फ्लाइट रवाना हुई। दरअसल, पायलट को टेक ऑफ के लिए तैयार फ्लाइट का इमरजेंसी गेट खुला होने का सिग्नल मिला, हालांकि जब स्टाफ ने जाकर देखा तो गेट बंद था। इसके बावजूद कॉकपिट में लगातार इमरजेंसी अलार्म बज रहा था। तब पूरे विमान की जांच की गई और इसी तकनीकी गड़बड़ी के चलते फ्लाइट तय समय से दो घंटे देरी से रवाना हुई।
इमरजेंसी गेट के खुले होने का मिला अलर्ट
इंदौर के देवी अहिल्या बाई होल्कर एयरपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार इंडिगो की फ्लाइट 6ई147 रात 9.55 बजे इंदौर से पुणे जाती है। शुक्रवार को भी यह विमान पुणे जाने के लिए तैयार था। इसमें 163 से ज्यादा यात्री सवार थे। विमान जाने की तैयारी में ही था और सभी गेट लगाए जा चुके थे कि तभी पायलट को कॉकपिट में विमान के इमरजेंसी गेट के खुले होने का अलर्ट नजर आया। यह देख पायलट घबरा गया। उसने तुरंत फ्लाइट स्टाफ को गेट चेक करने के निर्देश दिए। स्टाफ ने जाकर देखा तो गेट बंद था। इसकी सूचना पायलट को दी गई। पायलट ने खुद भी जाकर गेट चेक किया। इसके बाद भी कॉकपिट में लगातार गेट खुला होने का अलर्ट मिल रहा था। पायलट ने तुरंत इसकी सूचना एयर ट्रैफिक कंट्रोल और ग्राउंड स्टाफ को दी। जिस पर कंपनी के इंजीनियर्स ने विमान की जांच शुरू की।
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तकनीकी गड़बड़ी के कारण मिला गलत संकेत
सूत्रों के अनुसार ग्रांउड स्टाफ और इंडिगो अधिकारियों की जांच में सामने आया कि यह फॉल्स अलर्ट यानी किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण मिला गलत संकेत हो सकता है। विशेषज्ञों ने दरवाजे के खुले होने के अलर्ट को बंद करते हुए विमान को जाने की अनुमति दी। इस पूरी जांच में करीब दो घंटे का समय लगा और 9.55 बजे जाने वाला विमान रात 11.55 बजे रवाना हो सका।
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विमान में थे 100 से ज्यादा यात्री
विमान में 100 से ज्यादा यात्री सवार थे। विमान जाने की तैयारी में ही था, सभी गेट लगाए जा चुके थे कि तभी पायलट को कॉकपीट में विमान के इमरजेंसी गेट के खुले होने का अलर्ट नजर आया। यह देख पायलट घबरा गया। उसने तुरंत फ्लाइट स्टाफ को गेट को चेक करने के निर्देश दिए। स्टाफ ने जाकर देखा तो गेट बंद था। स्टाफ ने तुरंत इसकी सूचना पायलट को दी। पायलट ने खुद जाकर भी गेट को चेक किया। इसके बाद भी कॉकपीट में लगातार गेट के खुले होने का अलर्ट मिल रहा था। इस पर पायलट ने तुरंत इसकी सूचना एयर ट्रैफिक कंट्रोल और ग्राउंड स्टाफ को दी। कंपनी के इंजीनियर्स की टीम तुरंत विमान पर पहुंची और विमान की जांच शुरू की।
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कंपनी ने बताया कि फॉल्स अलर्ट
अधिकारियों ने बताया कि विमान में देखने पर विमान के पंख के पास लगा इमरजेंसी गेट बंद नजर आ रहा था, लेकिन कॉकपीट में इसके खुले होने का संकेत मिल रहा था। इस पर विमान की तकनीकी जांच की गई। जांच के दौरान अनुमान लगाया गया कि यह फॉल्स अलर्ट यानी किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण मिला गलत संकेत हो सकता है।
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यात्री पर भी शंका
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इमरजेंसी गेट के पास बैठे यात्री भी गेट को खोलने की अगर कोशिश करते हैं तो गेट खुलने का अलर्ट मिल सकता है। गड़बड़ी की आशंका होने पर संभव है कि यात्री ने गेट के हेंडल को तुरंत बंद कर दिया हो। हालांकि इस बात की पुष्टि ना हो पाने पर किसी यात्री पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, अन्यथा ऐसे मामले में यात्री को पुलिस के हवाले कर दिया जाता है। विशेषज्ञों ने दरवाजे के खुले होने के अलर्ट को बंद करते हुए विमान को जाने की अनुमति दी। इस पूरी जांच में करीब दो घंटे का समय लगा और 9.55 बजे जाने वाला विमान रात 11.45 बजे रवाना हो सका। इस बीच यात्री विमान में ही बैठे परेशान होते रहे।