2 सरकारी नौकरी छोड़ पहले अटेम्प्ट में हर्षवर्धन ने क्लियर किया था UPSC

बीते दिन कर्नाटक से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई। राज्य के हासन-मैसार हाईवे पर हुए सड़क हादसे में आईपीएस हर्षवर्धन सिंह की मौत हो गई।

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Raj Singh
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बीते दिन कर्नाटक से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई। राज्य के हासन-मैसार हाईवे पर हुए सड़क हादसे में आईपीएस हर्षवर्धन सिंह की मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक, कर्नाटक पुलिस अकादमी में 4 हफ्ते की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद हर्ष अपनी पहली पोस्टिंग (असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस) के लिए जा रहे थे। तभी उनकी गाड़ी का टायर फट गया और गाड़ी अनियंत्रित होकर एक पेड़ और एक घर से टकरा गई। इस हादसे में वे बुरी तरह घायल हो गए और अस्पताल में उनकी मौत हो गई।

यूपीएससी के लिए छोड़ी दो सरकारी नौकरी

आईपीएस हर्षवर्धन सिंह को लेकर अब नई जानकारी सामने आई है। उन्होंने पुलिस अधिकारी बनने के लिए दो सरकारी नौकरियां छोड़ दी थीं। आपको बता दें कि आईपीएस हर्षवर्धन सिंह के पिता मध्य प्रदेश के सिंगरौली में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। उनके मुताबिक हर्षवर्धन यूपीएससी परीक्षा पास करने की जिद पर अड़े थे। इसके लिए उन्होंने दो सरकारी नौकरियां छोड़ दीं और यूपीएससी के पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली। इस दौरान हर्षवर्धन को 153वीं रैंक मिली और उन्हें कर्नाटक कैडर मिला। हर्षवर्धन के पिता आगे बताते हैं कि ट्रेनिंग के बाद वे अपनी पहली पोस्टिंग के लिए हासन जा रहे थे, तभी ये हादसा हो गया। अखिलेश सिंह आगे कहते हैं कि हादसे से आधे घंटे पहले उनकी मुझसे, मां और छोटे भाई से बात हुई थी। नहीं पता था कि ऐसा कुछ हो जाएगा।

सिंगरौली में रहता है परिवार

आपको बता दें कि हर्षवर्धन ने इंजीनियरिंग की थी। इसके बाद उन्होंने पहली बार BPSC (बिहार लोक सेवा आयोग) की परीक्षा दी, जिसमें वे सफल भी हुए और BPRO के पद पर पूर्णिया में पदस्थापित हुए। हालांकि, जैसा कि उनके पिता अखिलेश सिंह ने बताया कि उन्हें UPSC ही करना था, इसलिए उन्होंने 2022-23 में UPSC की परीक्षा दी और सफलता भी पाई। बता दें कि हर्षवर्धन का परिवार मध्य प्रदेश के सिंगरौली में रहता है।

पैतृक गांव में अंतिम संस्कार

जानकारी के मुताबिक, हर्षवर्धन सिंह मूल रूप से बिहार के सहरसा के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि उनका अंतिम संस्कार बिहार में उनके पैतृक गांव में किया जाएगा। उनके पिता अखिलेश सिंह, मां और छोटे भाई आनंद वर्धन सिंह बेंगलुरु पहुंच चुके हैं। वहां से हर्षवर्धन का पार्थिव शरीर सहरसा ले जाया जाएगा और फिर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने जताया शोक

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस पूरी दुखद घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि भारतीय पुलिस सेवा के एक युवा अधिकारी का इस तरह चले जाना राष्ट्र के लिए क्षति है। इसके अलावा कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी आईपीएस हर्षवर्धन सिंह की मौत पर दुख जताया है। सिद्धारमैया ने कहा कि यह दुखद है कि पहली जॉइनिंग से पहले यह घटना घटी।

FAQ

आईपीएस हर्षवर्धन सिंह की मौत कैसे हुई?
आईपीएस हर्षवर्धन सिंह की मौत कर्नाटक के हासन-मैसार हाईवे पर एक सड़क हादसे में हुई। उनकी कार का टायर फटने के बाद गाड़ी अनियंत्रित होकर एक पेड़ और घर से टकरा गई, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
हर्षवर्धन सिंह ने पुलिस सेवा में जाने के लिए क्या त्याग किया था?
हर्षवर्धन सिंह ने पुलिस सेवा में जाने के लिए दो सरकारी नौकरियां छोड़ी थीं। पहले उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा पास की थी, और फिर यूपीएससी की परीक्षा दी, जिसमें उन्होंने पहले ही प्रयास में 153वीं रैंक हासिल की और कर्नाटक कैडर प्राप्त किया।
हर्षवर्धन सिंह का परिवार कहां रहता है?
हर्षवर्धन सिंह का परिवार मध्य प्रदेश के सिंगरौली में रहता है। उनके पिता अखिलेश सिंह एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं।
हर्षवर्धन सिंह का अंतिम संस्कार कहां किया जाएगा?
हर्षवर्धन सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव, सहरसा (बिहार) में किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को बेंगलुरु से सहरसा ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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