BHOPAL. डीआईजी के पद पर पदोन्नति पाने के लिए 2010 के 7 प्रमोटी आाईपीएस और 3 डायरेक्ट आईपीएस अधिकारी बेचैन हैं। वे पुलिस मुख्यालय से लेकर गृह विभाग के अफसरों के चक्कर काट रहे हैं। इतना ही नहीं ये अफसर मुख्यमंत्री मोहन यादव से भी गुहार लगा चुके हैं।
दरअसल राज्य सरकार ने डीआईजी के 14 पद मांगे थे, लेकिन केन्द्र सरकार ने 4 पद ही मंजूर किए। ऐसे में 10 आईपीएस अफसर पदोन्नत नहीं हो पा रहे हैं। इस साल तीन डीआईजी रिटायर हो रहे हैं, ऐसे में पूरे साल में तीन आईपीएस ही डीआईजी बन पाएंगे। वहीं वीएस विरदे बिना पदोन्नति के नवंबर में रिटायर हो जाएंगे।
आईजी के 31 में से 11 पद रिक्त
रिटायरमेंट के चलते प्रमोटी आईपीएस अफसर मुख्यमंत्री के ओएसडी राकेश गुप्ता की मदद से डीआईजी के अस्थाई पद बनवाने में लगे हुए हैं। इनका कहना है कि आईजी के 31 पदों में से 11 पद रिक्त हैं, ऐसे में आईजी के पदों के एवज में 10 पद अस्थाई रुप से डीआईजी के बढ़ा दिए जाएं। वहीं गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा ने गृह मंत्रालय और डीओपीटी का हवाला देते हुए ऐसा करने से साफ इंकार किया है। उनका कहना है कि केन्द्र सरकार ने डीआईजी के 4 पद नोटिफाई किए हैं, उन पदों पर विजय खत्री, विनीत कुमार जैन, मनोज सिंह और राकेश सिंह को पदोन्नत किया जा चुका है। शेष 10 अफसरों की पदोन्नति अगले साल केन्द्र से मंजूरी के बाद ही की जा सकेगी। राज्य अपने स्तर इस तरह का निर्णय नहीं ले सकती है।
इनकी पदोन्नति अटकी
इनमें 2010 के प्रमोटी आईपीएस राजेश सिंह चंदेल, शिशिन्द्र चौहान, राकेश सगर, बीएस विरदे, आरएस बेलवंशी, किरणलता केरकटटा, मनोज कुमार राय के नाम शामिल हैं। वहीं 2011 के 3 डायरेक्ट आईपीएस रियाज इकबाल, आदित्य प्रताप सिंह और राहुल कुमार लोढ़ा का नाम शामिल है।
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