सिहोरा के गोसलपुर थाना अंतर्गत खदान धसकने से 3 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में आरोपी बने भाजपा के मंडल अध्यक्ष अंकित तिवारी सहित अन्य पर FIR दर्ज हुई थी। लेकिन गवाहों के बयान के आधार के FIR से अंकित तिवारी का नाम अलग कर दिया गया था। अब इस मामले में गवाहों ने ही आरोप लगाए है कि भाजपा नेता अंकित तिवारी के भाई के द्वारा गवाहों को बंदूक की नोक बयान बदलने को मजबूर किया गया था।
इलाज कराने के बहाने अगवा किए गए गवाह
इस मामले में पीड़ित परिजन धनीराम ने बताया है कि 1 महीने पहले भाजपा नेता अंकित तिवारी के भाई कान्हा तिवारी और उसके एक साथी धर्मेंद्र खटीक के द्वारा योजनाबद्ध तरीके से घायलों का इलाज सिहोरा में करवाने की बात कहकर मुझे और घायलों को कार में बैठा लिया गया और खितौला स्थित अपने ऑफिस में ले जाकर बंदूक अड़ाकर बंधक बना लिया।
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अगवा किया और सर पर बंदूक रख बदलवाए बयान
पीड़ित धनीराम ने बताया कि मुझे अपने ऑफिस में बंधक बनाकर रखा और मेरे सिर पर पिस्तौल रखकर मेरे परिवारजनों को अपने बयान बदलने के लिए मजबूर किया गया। उसके बाद खदान हादसे में घायल हुए परिवारजनों को ऑटो में बैठाकर सिहोरा SDOP कार्यालय ले जाया गया। जहां उनसे जबरदस्ती अंकित तिवारी के पक्ष में बयान दिलवाए गए। जिसमे SDOP सिहोरा के द्वारा चश्मादीदों की गवाही के आधार पर अंकित तिवारी का नाम FIR से अलग कर दिया गया।
3 मजदूरों की मौत के मामले मे आरोपी है अंकित तिवारी
जून 2024 में जबलपुर की सीहोरा तहसील के अंतर्गत आने वाली कटरा खमरिया ग्राम पंचायत में बरेन नदी पर हो रहे अवैध रेत खनन के दौरान खदान धसकने से 3 मजदूरों की मौत हो गई थी, और 3 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे। इस मामले में भाजपा मंडल अध्यक्ष अंकित तिवारी और उसके साथियों के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी ।
पीड़ितों ने की जबलपुर एसपी से कार्यवाही की मांग
जबलपुर एसपी को आवेदन देकर पीड़ितों ने मांग की है कि मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी अंकित तिवारी का नाम फिर से FIR में जोड़ा जाए और कान्हा तिवारी एवं उसके साथियों के द्वारा साक्ष्य मिटाने और धनीराम को बंधक बनाने का प्रकरण दर्ज किया जाए। पीड़ितों के द्वारा इस जांच को IPS अधिकारी से करवाने और परिजनों की सुरक्षा की भी मांग की गई है।
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