लंबे समय से मान्यता से लेकर अन्य विवादों में फंसे हुए ब्रिटिश फोर्ड इंटरनेशनल स्कूल के एक और शर्मनाक कारनामे का खुलासा हुआ है। स्कूल के छात्रों ने ही इस इस ब्रिटिश फोर्ड स्कूल के वॉशरूम का वीडियो बनाया जिसमें वॉशरूम को कैप्चर करता हुआ सीसीटीवी कैमरा नजर आ रहा है। इस घटना ने अभिभावकों और छात्रों को चौंका दिया है। स्कूल के वॉशरूम में सीसीटीवी कैमरा लगा होने से बच्चों की निजता पूरी तरह से खतरे में पड़ गई है। इस घटना के खुलासे के बाद छात्रों में गुस्सा भी है और भय भी। इस मामले का खुलासा स्कूल के ही कुछ जागरूक छात्रों ने किया। छात्रों ने वॉशरूम में लगे सीसीटीवी कैमरे का वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे म.प्र. छात्र संघ तक पहुंचाया। छात्रों ने बताया कि स्कूल प्रशासन ने वॉशरूम में कैमरे लगाकर उनकी निजिता की गोपनीयता का उल्लंघन किया है, जो कि कानूनन और नैतिक रूप से भी गलत है।
वॉशरूम जाने में डर लगता है : छात्र
इसी स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र ने बताया कि उन्होंने वॉशरूम में लगे सीसीटीवी कैमरा की शिकायत कई बार अपने शिक्षकों से भी की है पर शिक्षकों ने यह कहकर उन्हें चुप कर दिया कि अनुराग सोनी का हम कुछ नहीं बिगाड़ सकते। छात्र का कहना है कि उन्हें वॉशरूम जाने में भी डर लगता है। क्योंकि वॉशरूम में ठीक उनके सर के ऊपर इस तरह सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है जो उनको खतरा नजर आ रहा है।
छात्र संघ ने जताया विरोध, प्रशासन को दी चेतावनी
मप्र छात्र संघ के पदाधिकारी अभिषेक पांडे के नेतृत्व में छात्रों ने इस मामले को लेकर कड़ा विरोध जताया। छात्र संघ ने मदन महल थाने के प्रभारी को ज्ञापन सौंपा और स्कूल परिसर का औचक निरीक्षण कराने की मांग की। इस विरोध प्रदर्शन में मीडिया कर्मियों को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया ताकि इस घटना को जनता और प्रशासन के सामने लाया जा सके। अभिषेक पांडे ने बताया कि यह कृत्य बच्चों की निजता के साथ खिलवाड़ है और मानवता को शर्मसार करने वाला है। उन्होंने अधिक से अधिक छात्रों से इस मुद्दे पर साथ आने की अपील की ताकि दोषी स्कूल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
स्कूल प्रशासन पर पहले भी लगे हैं गंभीर आरोप
यह पहली बार नहीं है जब इस स्कूल का नाम विवादों में आया है। इससे पहले भी इस स्कूल के संचालक अनुराग सोनी पर छात्र नेताओं से अभद्रता और गाली-गलौज के आरोप लग चुके हैं। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उल्टा छात्र नेताओं पर ही मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था, जिससे इस स्कूल के संचालक अनुराग सोनी के रसूखदार संबंधों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
स्कूल की मान्यता को लेकर भी विवाद
स्कूल की मान्यता को लेकर भी कई सवाल उठे हैं। छात्रों का आरोप है कि स्कूल सीबीएसई की मान्यता तेवर ब्रांच के लिए है, लेकिन छात्र जबलपुर ब्रांच में पढ़ाई करते हैं, जो कि नियमों का उल्लंघन है। इसके साथ ही इनकी जबलपुर स्थित ब्रांच में ना तो बच्चों के खेलने के लिए प्लेग्राउंड है और ना ही प्रार्थना के लिए असेंबली उसके बाद भी यह स्कूल धड़ल्ले से चल रहा है और शिकायतों के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी तक की हिम्मत नहीं होती कि इस स्कूल पर कोई कार्यवाही कर सके।
जल्द से जल्द स्कूल पर कार्रवाई की मांग
इस घटना के बाद छात्रों ने यह सवाल उठाया है कि ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई कब होगी? बच्चों की सुरक्षा और निजता को बचाने के लिए प्रशासन और शिक्षा विभाग को कड़े कदम उठाने होंगे। बच्चों की निजता का हनन करने वाले इस स्कूल प्रशासन को तत्काल कार्यवाही की जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
यह घटना न सिर्फ स्कूल प्रशासन की दूषित मानसिकता का पर्दाफाश करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि समाज को अब जागरूक होकर बच्चों की सुरक्षा के प्रति अधिक सतर्क होना पड़ेगा।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक