JABALPUR. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में गोली मारकर चीतल (chital) के शिकार और मांस खाने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने आरोपी ग्राम पंचायत सचिव की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जमानत खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस तरह के गंभीर मामलों में जमानत देना समाज के हित में नहीं होगा। आरोपियों की पृष्ठभूमि को देखते हुए उन पर कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है।
जानें पूरा मामला
पूरा मामला बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) का है। यहां कोर एरिया में 4 अप्रैल 2024 को स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स जबलपुर और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गोली मारकर वन्य-प्राणी चीतल के शिकार के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मामले में ग्राम बकेली जिला उमरिया के ग्राम पंचायत सचिव राघवेंद्र सिंह ठाकुर और नत्थू बैगा के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
वन संरक्षण अधिनियम में दर्ज हुआ था केस
ग्राम पंचायत सचिव राघवेंद्र प्रताप सिंह ठाकुर और साथी नत्थू बैगा पर बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में गोली मारकर चीतल का शिकार करने और मांस को पकाकर खाने का आरोप है। इन आरोपियों ने सबूतों को मिटाने का भी कोशिश की। दोनों के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम के कार्रवाई की गई। मामले में आरोपियों के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम 1972 और संशोधन 2002 की धारा 9,27,29,31,32,39,51,52,57 सहपठित धारा 38 व्ही (2) के अंतर्गत केस दर्ज किया गया था। दोनों अभी पुलिस की गिरफ्त में है।
हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत
शिकार के मामले में आरोपियों ने पहले भी जमानत लेने की कोशिश की थी लेकिन राहत नहीं मिली। आरोपियों ने जिला सत्र न्यायालय जबलपुर में जमानत के लिए आवेदन दिया था। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए और आरोपी के आपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए 8 अप्रैल को जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद आरोपियों ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। जिसे हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ऐसे गंभीर मामलों में जमानत देना समाज के हित में नहीं होगा। आरोपियों की पृष्ठभूमि को देखते हुए कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है।
आपराधिक प्रवृत्ति का है राघवेंद्र
बताया जा रहा है कि आरोपी पंचायत सचिव राघवेंद्र सिंह ठाकुर के खिलाफ पहले से कई आपराधिक केस दर्ज हैं। इन मामलों में हत्या, डकैती, आर्म्स एक्ट जैसे कई केस शामिल है।
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