जबलपुर जिले के बरेला थाना क्षेत्र में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां गणेश विसर्जन के दौरान हुए विवाद के बाद थाना प्रभारी की कथित फटकार से एक बुजुर्ग की मौत हो गई। मृतक बेनीलाल पटेल के परिवार ने थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ रहा है।
यह है पूरा मामला
18 सितंबर को गणेश विसर्जन के दौरान शुभम पटेल का किसी के साथ विवाद हो गया था, जिसे लेकर उन्हें शुक्रवार 21 सितंबर को बरेला थाने बुलाया गया। शुभम का आरोप है कि थाना प्रभारी ने उनसे गाली-गलौज की और उल्टा मामला दर्ज करने की धमकी दी। जब शुभम के पिता बेनीलाल पटेल थाने पहुंचे तो थाना प्रभारी ने उनके साथ भी अभद्र व्यवहार किया और डांट लगाई। परिजनों का कहना है कि थाना प्रभारी की फटकार से बेनीलाल पटेल को हार्ट अटैक आया, जिसके चलते उनकी वहीं थाने में ही मौत हो गई। इसके बाद पुलिसकर्मी उन्हें अस्पताल लेकर गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
परिजनों और स्थानीय लोगों का विरोध
मृतक के परिजनों ने थाना प्रभारी पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी डांट और दुर्व्यवहार ही बेनीलाल की मौत का कारण बना। इस घटना के बाद बड़ी संख्या में स्थानीय लोग बरेला थाने के बाहर इकट्ठा हो गए और विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई। हालांकि, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल अस्पताल भेजने में सफलता पाई।
जारी हुआ पुलिस का एडिटेड वीडियो
इस मामले में और विवाद तब बढ़ गया जब पुलिस ने बरेला थाने का एक CCTV फुटेज जारी किया। यह वीडियो घटना के बाद का था, जिसमें बेनीलाल पटेल को कुर्सी पर बैठे हुए दिखाया गया। हालांकि, परिजनों और स्थानीय लोगों का आरोप है कि वीडियो को जानबूझकर एडिट किया गया है और घटना के कुछ अहम हिस्से गायब हैं। CCTV वीडियो की शुरुआत उस वक्त से होती है जब बेनीलाल पटेल कुर्सी पर बैठते हैं, लेकिन उससे पहले का घटनाक्रम नहीं दिखाया गया। वीडियो के बीच के लगभग दो मिनट गायब हैं, सीसीटीवी वीडियो में 6:36 से 6:38 तक बीच का 2 मिनट का वीडियो गायब है। जिससे यह संदेह और गहराता जा रहा है कि पुलिस ने अपनी छवि बचाने के लिए वीडियो छेड़छाड़ की है।
ग्रामीणों ने किया हाईवे में चक्काजाम
इस घटना के बाद जहां मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल अस्पताल भेजा गया तो वहीं शनिवार की रात बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों ने बरेला हाईवे पर चक्काजाम कर दिया और प्रशासन पर भी कार्यवाही का दबाव बना दिया है। परिजन और स्थानीय लोग थाना प्रभारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, लेकिन घटना के बाद से ही जनता का गुस्सा और अविश्वास बढ़ता जा रहा है।
थाना प्रभारी को हटाया वीडियो में नहीं है कांट- छांट- एएसपी ग्रामीण
इस मामले में पुलिस द्वारा जारी किए गए वीडियो में जहां साफ नजर आ रहा है कि शाम 6:36 से 6:38 तक 2 मिनट का वीडियो एडिट कर अलग किया गया है। वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि वीडियो में किसी तरह का काट छांट नहीं किया गया है यदि ऐसा कुछ है तो इस पर भी जांच की जाएगी। वहीं आरोपी थाना प्रभारी प्रमोद साहू को बरेला थाने से अलग कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
निष्पक्ष जांच की मांग
परिजन और स्थानीय नागरिक चाहते हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। प्रशासन पर मामले को गंभीरता से लेने का दबाव है, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक