JABALPUR. मध्यप्रदेश के जबलपुर में यूरिया और डीएपी खाद की कालाबाजारी ( fertilizer black marketing) के मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। उर्वरक के गबन और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ चरगवां थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। कलेक्टर के निर्देश पर हुई जांच में साढ़े दस लाख रूपए की खाद की हेराफेरी पकड़ी गई थी।
जानें पूरा मामला
जानकारी के अनुसार जबलपुर के चरगवां थाना क्षेत्र की दो सहकारी समितियों में घोटाला का उजागर हुआ है। यहां किसानों को बांटी जाने वाली यूरिया और डीएपी खाद बाजार में उंचे दाम पर बेची गई है। मामले में शिकायत के बाद कलेक्टर दीपक सक्सेना (Collector Deepak Saxena) के निर्देश पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने समितियों का औचक निरीक्षण किया था। जांच के दौरान बरखेड़ा समिति में 28 बोरी यूरिया और 151 बोरी एसएसपी कम पाई गई थी। साथ ही नयानगर सूखा भारतपुर समिति में 976 बोरी यूरिया और 530 खाद बोरी का स्टॉक गायब था। कम पाए गए उर्वरक स्टॉक की कीमत साढ़े दस लाख रुपए बताई गई है। अब मामले में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
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समिति प्रबंधक और उर्वरक प्रभारियों पर केस
जबलपुर के एडिशनल एसपी सूर्यकान्त शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर हुई जांच में बरखेड़ा सहकारी समिति के दस्तावेजों और भौतिक सत्यापन में भारी गड़बड़ी पकड़ी गई थी। निरीक्षण के दौरान सामने आया कि चरगवां की वृहताकार सहकारी समिति बरखेड़ा और नयानगर सूखा भारतपुर में अनियमितता मिली थी। अब मामले में समिति प्रबंधक राजेश नंदेसरिया, उर्वरक प्रभारी अनीश मिश्रा और नंदलाल झरिया के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 और 316 के तहत केस दर्ज किया गया है।
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