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नरसिंहपुर के गाडरवारा के पटवारी घनश्याम सिंगरोले को लोकायुक्त की जबलपुर टीम ने 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। यह कार्रवाई आवेदक इंद्र कुमार मालवीय की शिकायत पर की गई, जिनके पिता धर्मदास मालवी की पैतृक संपत्ति का बैनामा पास करने के लिए पटवारी ने रिश्वत की मांग की थी।
बैनामा पास करने के लिए मांगी थी रिश्वत
नरसिंहपुर के गाडरवारा निवासी धर्मदास मालवी द्वारा परिवार की पैतृक संपत्ति पर अपने हक को त्याग कर उसे अपने बच्चों के नाम करवाने का फैसला लिया था। इस संपत्ति का बैनामा पास किया जाना था। इसके लिए आवेदक इंद्र कुमार मालवीय ने पटवारी घनश्याम सिंगरोले से संपर्क किया। लेकिन पटवारी ने इस काम को पूरा करने के बदले 5 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। अपने ही पिता की संपत्ति का कानूनी हक पाने के लिए मांगी गई रिश्वत से परेशान होकर इंद्र कुमार मालवीय ने लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की गई।
जबलपुर लोकायुक्त ने किया ट्रैप
इंद्र कुमार मालवीय ने पटवारी की रिश्वत मांगने की शिकायत लोकायुक्त से की। जिसके बाद लोकायुक्त की उप पुलिस अधीक्षक सुरेखा परमार की टीम ने शिकायत की जांच के बाद ट्रैप बिछाने का निर्णय लिया। 25 सितंबर को गाडरवारा के पटवारी कार्यालय में जैसे ही घनश्याम सिंगरोले ने 4 हज़ार रुपए की पहली किस्त स्वीकार की, लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
अब पटवारी को कौन बचाएगा
इस घटना से गाडरवारा से लेकर जबलपुर तक राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है। महकमे में यह भी चर्चा चल रही है कि तहसीलदार साहब के लिए तो पूरा संघ खड़ा हो गया था पर अब रिश्वतखोर पटवारी को कौन बचाएगा। यहां आपको यह भी बता दें कि आज ही इंदौर में भी एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें 1 लाख रुपए की रिश्वत की मांग करने के बाद 10 हजार लेते हुए पटवारी रंगे हाथ पकड़ा गया है।
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