मध्य प्रदेश के जबलपुर एसपी संपत उपाध्याय की वायरल चिट्ठी पर सियासत शुरू हो गई है। एमपी कांग्रेस ने चिट्ठी के जरिए सरकार पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने कहा कि जबलपुर के जुआरियों को राज्य सरकार का दिवाली ऑफर। कांग्रेस ने इसे एमपी को बेरोजगार, नशेड़ी और अब जुआरियों का प्रदेश बनाने वाली शर्मनाक हरकत बताया है।
एमपी कांग्रेस ने किया विरोध
एमपी कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि जबलपुर के जुआरियों को मोहन सरकार का दिवाली ऑफर है। कार्रवाई करने की बजाय उन्हें भागने दिया जा रहा है! पुलिस अधीक्षक ने पत्र जारी कर आदेश दिया है! पुलिस को बिल्डिंग की पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल पर कार्रवाई करते हुए जुआरियों को भागने देना चाहिए!
मोहन सरकार का जबलपुर के जुआरियों को दिवाली ऑफर !!
— MP Congress (@INCMP) November 2, 2024
➡️ कार्यवाही के बजाय भागने देने की सहूलियत!
➡️ पुलिस अधीक्षक ने लेटर जारी कर दिया फरमान!
➡️ भवन की पहली, दूसरी, तीसरी, मंजिल पर कार्यवाही में पुलिस जुआरियों को भागने दे!
मध्यप्रदेश को पहले बेरोजगार, फिर नशेड़ी और अब जुआरियों का… pic.twitter.com/4lLZWcao4W
छापेमारी को लेकर अजीबोगरीब आदेश
दिवाली से ग्यारस तक जुआ के अड्डों पर पुलिस की छापेमारी को लेकर एक अजीबोगरीब आदेश जारी हुआ था। जिसमें नदी, कुएं, तालाब और ऊंची इमारतों में चल रहे जुआ के अड्डों पर कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया गया था। इस पत्र के वायरल होते ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे थे। इसके बाद संशोधित आदेश जारी किया गया। पुराना आदेश 29 अक्टूबर को और नया आदेश 30 अक्टूबर को जारी किया गया था। संशोधित आदेश में कार्रवाई के दौरान सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए थे। वहीं नए और पुराने आदेशों को लेकर पुलिस के आला अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। बता दें कि धनतेरस से ग्यारस तक बड़े-बड़े जुआ के अड्डे जोरों पर सजते हैं। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले जुआ के अड्डों पर लाखों रुपए का दांव लगाया जाता है।
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