खुले आम ट्रकों को रोकते हैं दूसरे प्रदेशों से आए हथियारबंद लोग
जबलपुर/कटनी. महाकोशल में खदान कारोबारी ( Jabalpur mine businessman ) का आपसी विवाद अब गैंगवार में बदलता दिख रहा है ( Jabalpur gang war )। जबलपुर जिले के सिहोरा में खदान कारोबारियों के बीच चल रही अदावत के चलते सबने दूसरे राज्यों से हथियारबंद बदमाश बुला रखे हैं। ये एक दूसरे के ट्रकों को न केवल रोकते हैं बल्कि कई बार विवाद बढ़ने पर गोलीबारी भी हो जाती है। खदान कारोबारियों का रसूख इतना ज्यादा है न तो थाने में इसकी शिकायत दर्ज होती है ओर न ही पुलिस कोई एक्शन लेती है। इस मामले में एक खदान कारोबारी सतीश सरावगी ने पुलिस थाने से एसपी तक को शिकायत कर कहा है कि सिहोरा में हरियाणा और उप्र के हथियारबंद गुंडे घूम रहे हैं और उनके ट्रकों को रोककर मारपीट भी करते हैं, लेकिन पुलिस ने अब तक कोई एक्शन नहीं लिया है।
सरावगी का बेटा गिरफ्तार
सतीश सरावगी की शिकायत के बाद उनके बेटे पीयूष सरावगी को पुलिस ने कल रात उठा लिया है। पुलिस का कहना है कि पीयूष की कार से हथियार बरामद हुआ है। वहीं सतीश सरावगी का कहना है कि पुलिस दूसरे खदान कारोबारियों के कहने पर उन्हें परेशान कर रही है, उनके बेटे को जबरन फंसाया गया है, उसे थाने लाकर मारपीट भी की है। उधर, पीयूष का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो कार से जाते हुए कट्टा दिखाते हुए लोगों को धमकी देता हुआ दिख रहा है। पीयूष के पिता सतीश सरावगी का कहना है कि ये वीडियो आधा वायरल किया गया है। पूरा वीडियो देखेंगे तो पता चलेगा कि पीयूष की कार पर कुछ लोगों ने हमला किया था, जिस पर उसके बाद उसने अपने बचाव की कोशिश की।
ये देखिए वीडियो...
सिहोरा के कारोबारी सतीश सरावगी का बेटा पीयूष सरावगी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वह कार से जाते हुए कट्टा दिखाते और गाली गलोच करते हुए लोगों को धमकी दे रहा है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। बेटे की गिरफ्तारी के बाद माधव नगर थाना में बवाल मचा रहा।
— TheSootr (@TheSootr) June 6, 2024
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कौन है सतीश सरावगी
सतीश सरावगी एक समय में भाजपा विधायक संजय पाठक का राईट हैंड माना जाता था। संजय पाठक के साथ काम करते हुए ही ईडी ने सतीश सरावगी को 543 करोड़ के हवाला कांड में गिरफ्तार किया था। उस समय भाजपा विधायक पाठक पर भी कई गंभीर आरोप लगे थे। बाद में संजय पाठक और सतीश सरावगी के बीच विवाद होने पर ये दोनों अलग हो गए। इसी दौरान संजय पाठक के साथ काम करने वाले महेन्द्र गोयनका से भी पाठक का विवाद हो गया, तो वो भी उनसे अलग हो गए। उसके बाद से खदान कारोबारियों के बीच कोल्ड वार छिड़ा हुआ है। लंबे समय से चल रहा कोल्ड वार अब मैदान में गैंगवार के रुप बदलता दिखाई दे रहा है।
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