JABALPUR. शासकीय मानकुंवर बाई कॉलेज में 70 छात्राओं से ब्लैकमेलिंग के मामले में आरोपी अब तक पुलिस की पहुंच से दूर है। साइबर सेल की सहायता से जबलपुर पुलिस ब्लैकमेलर्स तक पहुंचने में जुटी हुई है और इसके लिए अन्य राज्यों में भी पुलिस टीम भेजी गई हैं।
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क्या है पूरा मामला
बीते गुरुवार 6 सितंबर को शासकीय मानकुंवर बाई कॉलेज में 70 से अधिक छात्राओं के साथ हुए ब्लैकमेलिंग के का मामला सामने आया था। जुलाई महीने से कॉलेज के व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े कुछ अज्ञात नंबरों से छात्राओं को ब्लैकमेल किया जा रहा था। आरोपियों ने छात्राओं के AI से बनाये हुए आपत्तिजनक फोटो-वीडियो वायरल करने की धमकी देकर रुपयों की मांग की थी । इस ब्लैकमेलिंग का पूरा सिलसिला कॉलेज के ही एक व्हाट्सएप ग्रुप से शुरू हुआ था जिसमें एडमिन सहित छात्राएं, अभिभावक, और शिक्षकों के अलावा आरोपियों के चार फोन नंबर भी थे जिन्होंने छात्रों को ब्लैकमेलिंग का शिकार बनाया ब्लैकमेलिंग के मामले के सामने आने के बाद छात्रों ने प्रिंसिपल से इसकी शिकायत की थी। जिसके बाद प्रिंसिपल ने उन नंबरों को ग्रुप से अलग कर दिया था। इसके बाद छात्राओं को यह भी नहीं समझ आया था कि यह नंबर कॉलेज के व्हाट्सएप्प ग्रुप में कैसे जुड़ गए।
शिकायत करने सामने नहीं आईं छात्राएं
एक ही कॉलेज की लगभग 70 छात्राओं से ब्लैकमेलिंग की जानकारी सामने आने के बाद भी केवल 2 से 3 छात्राओं ने शिकायत दर्ज की है। इसके पीछे की मुख्य वजह सामाजिक दबाव और पारिवारिक प्रतिष्ठा का भय हो सकता है। हालांकि जबलपुर पुलिस अब इन शिकायतों के आधार पर ही खोजबीन कर रही है।
अब भी साइबर फ्रॉड बता रही पुलिस
इस मामले में अनेक राजनीतिक पार्टियों सहित पीड़ितों ने भी इस बात पर आपत्ति दर्ज की थी कि इस मामले को सिर्फ साइबर फ्रॉड की तरह नहीं बल्कि लड़कियों की अस्मिता पर हमले के एंगल से मामला दर्ज कर जांच की जाए। लेकिन पुलिस अभी भी इस मामले को साइबर फ्रॉड ही बता रही है।जबलपुर पुलिस को मामले की गंभीरता को समझते हुए सभी पहलुओं की जांच कर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी करनी चाहिए। इस मामले में कॉलेज के व्हाट्सएप्प ग्रुप (whatsapp group ) में आरोपियों के जुड़ने पर भी सवाल खड़े हुए थे जिनका जवाब मिलना अभी बाकी है।
जल्द गिरफ्तार होंगे आरोपी - ASP सोनाक्षी सक्सेना
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोनाक्षी सक्सेना ने इस मामले में अपडेट देते हुए बताया की बीते दिनों जो साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया था। उसमें साइबर सेल ने फ्रॉड करने वाले नंबरों की जांच करवाई गई है। यह सभी नंबर बाहरी राज्यों के हैं जिसके लिए अलग से टीम गठित कर रवाना कर दी गई है। टीम लगातार इन नंबरों से जुड़ी जानकारी एकत्र कर रही है और आरोपियों की गिरफ्तारियां जल्द ही होंगी।
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