MP High Court : लापता होने के 18 साल बाद आई पत्नी और बच्चों की याद, हाईकोर्ट ने पति पर लगाया जुर्माना

जबलपुर हाईकोर्ट ने 18 साल बाद पत्नी और बच्चों की सुध लेने वाले पति पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही इसकी याचिका खारिज कर दी है। जानें पूरा मामला

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Vikram Jain
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Jabalpur High Court fines husband in family case
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JABALPUR. जबलपुर हाईकोर्ट ने पति पत्नी के मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए पति जुर्माना लगाया है। अदालत ने 18 साल बाद अपनी पत्नी और बच्चों की सुध लेने वाले पति पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही कोर्ट ने उसकी बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका को रद्द कर दिया। 

30 दिन में जुर्माना राशि जमा करने के निर्देश

न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने कोर्ट का कीमती समय बर्बाद करने की टिप्पणी करते हुए एक महीने के अंदर जुर्माना राशि जमा करने के निर्देश दिए है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं होने पर कलेक्टर को निर्देश देकर कानूनी तरीके से वसूली कराई जाएगी।

जानें क्या पूरा मामला

दरअसल, महिला का पति नंदकिशोर शराब पीने के बाद पत्नी से मारपीट करता था, पति का प्रताड़ना के परेशान होकर पत्नी अपने दो बच्चों के साथ 2006 में घर से भाग गई थी। इसके बाद 18 साल तक पति नंदकिशोर ने अपने परिवार की कोई खोजबीन नहीं की। इसके बाद नंदकिशोर ने पत्नी और बच्चों को तलाश करने के लिए पुलिस को निर्देश जारी करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। 

पति ने यह तर्क

मामले में पति नंदकिशोर का कहना था कि पत्नी पड़ोस में रहने वाले लोगों के बहकावे में घर से भागी थी। जब मामले में पुलिस ने नंदकिशोर की पत्नी को ढूंढ निकाला और कोर्ट में पेश किया तो उसने कोर्ट को सारी सच्चाई बताई। 

पति ने बताई सच्चाई

कोर्ट में सुनवाई के दौरान पत्नी ने स्पष्ट किया कि वह शराबी पति की मारपीट से परेशान होकर दो बच्चों सहित भाग गई थी। पति की प्रताड़ना को कोर्ट के सामने रखते हुए महिला ने बताया कि पति ने छोटे बेटे को जमीन पर पटका था। बच्चे की चोट के कारण कुछ साल मौत हो गई थी।

महिला के अनुसार वह बच्चे की मौत और प्रताड़ना से तंग हो गई थी। इसीलिए इतने साल घर वापस नहीं आई। महिला ने बताया कि वह एक होटल में दिन में काम करती और रात में बड़े बेटे के साथ होटल में रहती थी।

याचिका का विरोध

शासकीय वकील अक्षय नामदेव ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि नंदकिशोर नामक याचिकाकर्ता ने बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका के प्रावधान का दुरुपयोग किया है। यही नहीं अदालत का कीमती समय खराब किया है। इसलिए जुर्माने सहित याचिका निरस्त कर दी जाए।

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जबलपुर हाईकोर्ट 18 साल बाद पत्नी बच्चों की सुध ली बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका हाईकोर्ट ने पति पर लगाया जुर्माना