नील तिवारी @ jabalpur. नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय कारागार जबलपुर में बीते कई दिनों से अवैध गतिविधियों की सूचना जेल अधीक्षक ( jail superintendent ) को मिल रही थी। जेल के अंदर तक कैदियों को पैसे पहुंचाने और मादक पदार्थ की तस्करी के वीडियो तक वायरल हो चुके हैं। इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त प्रहरियों के खिलाफ मिली शिकायत की जांच के बाद दोषी पाए जाने पर कुल 6 जेल प्रहरियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
पहले मिली थी चेतावनी अब नौकरी से बर्खास्त
जबलपुर सेंट्रल जेल के उप अधीक्षक कमलेश मदन ने बताया कि जेल के अंदर गांजे, तंबाकू जैसे मादक पदार्थों की तस्करी करने सहित दूसरी अनैतिक गतिविधियों की शिकायत इन प्रहरियों के खिलाफ मिली थी। यह प्रहरी जेल में बंद कैदी और उनके परिजनों से सांठगांठ कर जेल के अंदर नशे के सामान की तस्करी करते थे। इन सभी प्रहरियों को पहले भी नोटिस दिए गए थे और निलंबन जैसी कार्यवाही भी की गई थी उसके बाद भी इनकी हरकतों में कोई सुधार नहीं आया। इनके खिलाफ हुई जांच में सीसीटीवी फुटेज सहित अन्य साक्ष्यों के आधार पर यह सभी दोषी पाए गए। जेल अधीक्षक के द्वारा इन 6 जेल प्रहरियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। जिसमें पांच जेल प्रहरी जबलपुर जेल में और एक कटनी जेल में पदस्थ था।
जेल के अंदर हुई गैंगवार से जुड़े हैं कार्रवाई के तार
हाल ही में जबलपुर जेल के अंदर एक गैंग के सरगना ने दूसरे गैंग के सरगना के ऊपर हमला कर दिया था। जेल प्रशासन के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह हमला कैदी छोटू चौबे पर उस समय हुआ था जब वह मुलाकात के लिए फोन का इंतजार कर रहा था, लेकिन सूत्रों के अनुसार छोटू चौबे के ऊपर जब हमला हुआ तब वह जेल के अंदर अपना जन्मदिन मना रहा था और गांजा पार्टी कर रहा था। यह खबर बाहर आने के बाद जेल प्रशासन की अच्छी खासी किरकिरी हुई थी। इतने समय बाद जेल प्रहरियों पर की गई सस्पेंशन की कार्रवाई को इसी घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। आपको बता दें कि गैंगवार की आशंका के चलते गैंगस्टर छोटू चौबे को दूसरे जिले की जेल में ट्रांसफर किया भी गया है।