जबलपुर के स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के बड़े-बड़े दावों की पोल मच्छरों ने खोल कर रख दी है। मलेरिया से लेकर डेंगू के मरीज सामने आने के बाद स्वच्छता को लेकर किए गए बड़े-बड़े दावे और शहर में किए जा रहे मच्छरों को रोकने के प्रयासों की असलियत खोलते हुए शहर में अब जापानी बुखार के दो मरीज सामने आए हैं।
शहर की सफाई व्यवस्था के ठप होने को लेकर राजनीतिक घमासान तो अपनी जगह पर है। लेकिन प्रशासन के सफाई के दावे और 14 मशीनों से शहर में मच्छरों को रोकने के लिए की जा रही फॉगिंग की हकीकत खोलते हुए, इस बार जबलपुर में जापानी बुखार ( जापानी इंसेफेलाइटिस ) ने दस्तक दी है। जिले में दो बच्चों में इस बुखार के पॉजिटिव केस मिले हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर आ गया है। दोनों बच्चों की उम्र क्रमश: साढ़े तीन साल और पांच साल बताई जा रही है।
आईसीएमआर से पॉजिटिव आई रिपोर्ट
जांच के लिए सैंपल भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) को भेजे गए थे, जहां से रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हालांकि राहत की बात यह है कि दोनों बच्चों की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है और अस्पताल में उनका इलाज जारी है।
क्या है जापानी बुखार ( जापानी इंसेफेलाइटिस ) ?
विशेषज्ञों के अनुसार, जापानी बुखार एक गंभीर बीमारी है जो जैपनीज इंसेफेलाइटिस वायरस के कारण होती है। यह वायरस मुख्य रूप से क्लूलेस प्रजाति के मच्छरों के काटने से फैलता है। यह मच्छर स्थिर पानी में पनपते हैं, और आमतौर पर मानसून के बाद के महीनों में सक्रिय होते हैं। इस बीमारी का सबसे गंभीर असर बच्चों के ब्रेन पर पड़ता है, जिससे यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
विभाग ने फिर दिए जरूरी निर्देश
पिछली बार भी डेंगू के मरीज सामने आने के बाद दिए गए निर्देशों की तरह जबलपुर में जापानी बुखार के दो केस पॉजिटिव मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित क्षेत्रों में फॉगिंग करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, विभाग ने लोगों को मच्छरों से बचाव के लिए सतर्क रहने और उपाय अपनाने की सलाह दी है। लेकिन धरातल पर हकीकत यह है कि फागिंग मशीन मशीन शहर के किसी भी वार्ड की जनता को नजर नहीं आती। सीएमएचओ संजय मिश्रा के अनुसार 14 फॉगिंग मशीनों के सहारे शहर में फॉगिंग कराई जा रही है। लेकिन शायद यह मशीन है वीआईपी और अधिकारियों के बंगले तक ही सीमित रह जाती हैं क्योंकि शहर में यह नजर नहीं आती।
द सूत्र का जबलपुर शहर की जनता से यह निवेदन है कि प्रशासन के भरोसे ना बैठकर अपनी सुरक्षा के इंतजाम करें और मच्छरों से जनित बीमारियों से इस तरह से बचे
- मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
- शाम के समय घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें।
- पानी के टैंकर कंटेनर को ढक कर रखें।
- शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनें।
- अधिक बुखार, बदन दर्द सहित अन्य लक्षणों के दिखने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।
जापानी फ्लू या "जापानी इंसेफेलाइटिस" के लक्षण हल्के से गंभीर तक हो सकते हैं।
हल्के लक्षण
- बुखार
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- जी मिचलाना और उल्टी
गंभीर लक्षण (जब संक्रमण मस्तिष्क तक पहुँच जाता है):
- तेज बुखार
- तेज सिरदर्द
- गर्दन में अकड़न
- बेहोशी या मानसिक भ्रम
- दौरे (Seizures)
- कोमा
गंभीर मामलों में यह जानलेवा हो सकता है, इसलिए इसके शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना और तुरंत चिकित्सा परामर्श लेना जरूरी है।
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