/sootr/media/media_files/2025/09/01/jabalpur-bank-2025-09-01-15-40-14.jpg)
जबलपुर पुलिस ने खितौला थाना अंतर्गत इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक डकैती मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने इस कांड के मास्टरमाइंड और आदतन अपराधी राजेश दास उर्फ आकाश दास को बिहार के गया जिले से दबोच लिया है। उसके कब्जे से बैंक से लूटा गया 3 किलो सोना और नकदी बरामद की गई है। पुलिस ने इस मामले में उसके एक सहयोगी इंद्रजीत दास को भी गिरफ्तार किया है।
15 मिनट की सनसनीखेज डकैती
11 अगस्त की सुबह सिहोरा के इसाफ बैंक में महज 15 मिनट में पांच नकाबपोश लुटेरों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया था। आरोपियों ने हथियारों के बल पर बैंक कर्मचारियों को बंधक बनाया और एक महिला कर्मचारी को स्ट्रॉन्ग रूम तक ले जाकर बंदूक की नोक पर खुलवाया। इस दौरान बदमाशों ने 14 किलो 800 ग्राम सोना और करीब 5 लाख रुपए नकद लूट लिए थे।
घटना के बाद जबलपुर जोन के आईजी प्रमोद वर्मा, डीआईजी अतुल सिंह और एसपी संपत उपाध्याय मौके पर पहुंचे और आरोपियों की धरपकड़ के लिए विशेष जांच दल गठित किया। आईजी ने आरोपियों की गिरफ्तारी पर 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।
बिहार तक किया पुलिस ने पीछा
स्थानीय आरोपी रईस लोधी को पकड़ने के बाद पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले। इसके बाद अलग-अलग टीमों को बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश और राजस्थान भेजा गया। कड़ी मेहनत के बाद पुलिस को बड़ी सफलता मिली जब गया जिले के गुरुवा थाना इलाके से आरोपी इंद्रजीत दास गिरफ्तार हुआ। पूछताछ में उसने राजेश दास के ठिकाने का खुलासा किया। पुलिस ने डोभी थाना क्षेत्र में दबिश देकर राजेश दास को गिरफ्तार किया। बैंक में लूट से हर कोई परेशान हो गया था।
खेत में छिपाया गया था सोना
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में राजेश दास ने खुलासा किया कि डकैती के बाद लूटे गए जेवर और रकम को आपस में बांट लिया गया था। उसके हिस्से में करीब 3 किलो सोना और 50 हजार रुपए नकद आए थे। इस सोने को उसने खेत में छिपा दिया था। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर जेवर बरामद कर लिए।
दर्जनों लूट और डकैती को दे चुका है अंजाम
राजेश दास कोई साधारण अपराधी नहीं है, बल्कि एक कुख्यात लुटेरा है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वर्ष 2011 से 2025 के बीच उसने गया, सासाराम, जमुई, पुरुलिया, रोहतास, गिरिडीह और रायगढ़ में बैंक डकैती और लूट की दर्जनों वारदातों को अंजाम दिया। उस पर एक दर्जन से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं। वह 18 जून 2025 को ही रायगढ़ जेल से रिहा हुआ था और महज दो महीने बाद 11 अगस्त को खितौला डकैती में शामिल हो गया।
पुलिस की टीमों ने आरोपी तक पहुंचाने की भारी मशक्कत
इस पूरे अभियान में जबलपुर पुलिस की कई टीमों ने दिन-रात मेहनत की। जानकारी के अनुसार, इस मामले में पुलिस की कई टीमों को लगाया गया था, जिसमें एसटीएफ से लेकर क्राइम ब्रांच, साइबर सेल और अन्य जिलों की पुलिस का भी सहयोग लिया गया।
एएसपी क्राइम जितेंद्र सिंह, डीएसपी उदयमान सिंह, सीएसपी अंजुल मिश्रा, सीएसपी सतीश साहू सहित क्राइम ब्रांच और कई थाना प्रभारियों ने मैदान में डटे रहकर कार्रवाई को अंजाम दिया। थाने और चौकियों के प्रभारी व बड़ी संख्या में आरक्षकों की संयुक्त मेहनत से इस गिरोह का पर्दाफाश हो सका।
ये भी पढ़िए...त्योहारों के कारण सितंबर में इतने दिन बंद रहेंगे स्कूल और बैंक, देखें पूरी लिस्ट
अभी बाकी है रिकवरी और गिरफ्तारी
पुलिस के अनुसार, गिरोह के अन्य सदस्य अभी फरार हैं और लूटे गए सोने की पूरी रिकवरी भी बाकी है। पांच विशेष टीमें बिहार और अन्य राज्यों में दबिश दे रही हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द ही बाकी आरोपियों को गिरफ्तार कर लूटा गया पूरा सोना बरामद कर लिया जाएगा।
सिहोरा बैंक डकैती महाकौशल क्षेत्र की अब तक की सबसे बड़ी वारदातों में से एक मानी जा रही है। इस गिरोह के सरगना राजेश दास की गिरफ्तारी से पुलिस की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, लेकिन पूरे सोने की बरामदगी और बाकी फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद ही इस केस का पटाक्षेप हो पाएगा। अभी भी पुलिस को लगभग 11 करोड़ रुपए से अधिक का माल बरामद करना बाकी है।
thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्स और एजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧
जबलपुर न्यूज MP News: