जबलपुर में अवैध फीस वसूली पर सख्त कार्रवाई, आठ निजी स्कूलों को 54 करोड़ 26 लाख लौटाने का आदेश

अभिभावकों का आरोप है कि प्राइवेट स्कूल जारी किए गए आदेशों को नजरअंदाज कर रहे हैं और अदालती प्रक्रियाओं में इन्हें उलझा रहे हैं। इससे अभिभावकों को अब तक कोई राहत नहीं मिल सकी है।

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Neel Tiwari
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जबलपुर में अवैध फीस वसूली पर सख्त कार्रवाई
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Jabalpur Private school Illegal fee collection : निजी स्कूलों द्वारा अवैध फीस वसूली के मामले में जबलपुर के जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना (District Collector Deepak Saxena) ने सख्त कदम उठाए हैं। आठ निजी स्कूलों के खिलाफ कुल 54 करोड़ 26 लाख रुपए की अवैध वसूली को छात्रों के अभिभावकों को लौटाने का आदेश जारी किया गया है। इसके साथ ही एनर्जी स्कूलों को दो-दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यह आदेश बुधवार शाम को जिला कलेक्टर कार्यालय से जारी हुआ, लेकिन इसके बावजूद गुरूवार को अभिभावकों का आक्रोश कम नहीं हुआ। 

मध्य प्रदेश पेरेंट्स एसोसिएशन (Madhya Pradesh Parents Association) के नेतृत्व में अभिभावकों ने शिक्षक दिवस (Teachers Day) पर हो रहे कार्यक्रमों का बहिष्कार किया। उनका आरोप है कि आदेश जारी होने के बावजूद निजी स्कूल इन आदेशों को नजरअंदाज कर रहे हैं और अदालती प्रक्रियाओं में इन्हें उलझा रहे हैं। इससे अभिभावकों को अब तक कोई राहत नहीं मिल सकी है।

इन स्कूलों पर की गई कार्रवाई 

जिन आठ स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें माउंट लिट्रा जी स्कूल, विज्डम वैली स्कूल (शास्त्री नगर एवं कटंगा), स्प्रिंग डे स्कूल (अधारताल), अजय सत्य प्रकाश स्कूल (पनागर), सत्य प्रकाश स्कूल (पोलिपाथर), क्राइस्ट चर्च गर्ल्स स्कूल (जबलपुर), सेंट अलॉयसियस स्कूल (पनागर), और सेंट जोसेफ स्कूल (टीएफआरआई) शामिल हैं। इन सभी स्कूलों पर यह आरोप है कि उन्होंने मनमानी करते हुए फीस में अवैध बढ़ोतरी की और अभिभावकों पर दबाव बनाकर अतिरिक्त शुल्क वसूला। 

अभिभावकों का आक्रोश

गुरूवार को बड़ी संख्या में अभिभावक अपनी शिकायतें लेकर पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। उनका कहना था कि इन स्कूलों द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है और फीस वसूली के दबाव में उन्हें मानसिक तनाव झेलना पड़ रहा है। अभिभावकों का यह भी कहना है कि जब से कलेक्टर ने आदेश जारी किए हैं, तब से स्कूलों ने 10 रुपए तक वापस नहीं किए हैं।

मध्य प्रदेश पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह आदेश स्वागत योग्य है, लेकिन इसे प्रभावी रूप से लागू करवाना आवश्यक है। उनका मानना है कि जब तक स्कूलों पर सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वे आदेशों की अवहेलना करते रहेंगे। 

स्कूल माफिया के खिलाफ सरकार का कड़ा रुख

इस मामले ने जबलपुर ही नहीं बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में एक बड़ी बहस को जन्म दिया है। स्कूल माफिया के खिलाफ सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई अब और तेज हो गई है। सरकार और जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे मामलों में कोई भी समझौता नहीं होगा और दोषी स्कूलों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। 

हालांकि अब देखने वाली बात यह होगी कि कलेक्टर के इस आदेश का पालन किस हद तक होता है और अभिभावकों को उनकी वसूली गई अवैध फीस कब तक वापस मिल पाती है।

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