जबलपुर शहर के रांझी इलाके के मढ़ई क्षेत्र में स्थित एक मस्जिद को लेकर गुरुवार, 26 सितंबर को तनावपूर्ण माहौल बन गया। जब विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने इस मस्जिद को अवैध करार देते हुए उसे गिराने की मांग की। हिंदूवादी संगठनों का आरोप है कि मस्जिद का निर्माण गायत्री बाल मंदिर की जमीन पर अवैध रूप से किया गया है और यह समुदाय विशेष के लोगों का गढ़ बनता जा रहा है।
मस्जिद पर अवैध कब्जे का आरोप
विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि मढ़ई इलाके की इस जमीन पर पहले गायत्री बाल मंदिर था, लेकिन उसके बाजू में धीरे-धीरे वहां एक मस्जिद का निर्माण किया गया और उसमें अतिक्रमण करते हुए उसे और बड़ा बना दिया है। संगठनों का आरोप है कि मस्जिद के निर्माण के पीछे कोई वैध दस्तावेज नहीं है और प्रशासन ने अवैध रूप से वहां पानी और बिजली जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराई हैं। इस मामले को लेकर हिंदूवादी संगठन लंबे समय से नाराज हैं, लेकिन गुरुवार को उन्होंने "कार सेवा" करने का ऐलान करते हुए मस्जिद तोड़ने का प्रयास किया।
मामला हाईकोर्ट में लंबित
मौके पर दोनों पक्षों से मिली जानकारी के आधार पर यह मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित है। हालांकि हाई कोर्ट में लंबित मामले के बाद भी जो अतिक्रमण किया गया है उस पर ही यह विवाद है और उस अतिक्रमण को ही हटाने के लिए यह हंगामा खड़ा हुआ था।
मौके पर पहुंचा 7 थानों के बल
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए और स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए कई थानों के पुलिस बल की तैनाती की गई। मस्जिद के पास पहुंचने वाले सभी मार्गों को सील कर दिया गया, जिससे प्रदर्शनकारियों की भीड़ वहां तक न पहुंच सके। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराने के लिए कई दौर की बातचीत की, जिसमें एसडीएम आर एस मरावी ने आश्वासन दिया कि मस्जिद के निर्माण से जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच कराई जाएगी।
हिंदूवादी संगठनों ने दिया अल्टीमेटम
विश्व हिंदू परिषद के विभाग संयोजक सुमित सिंह ठाकुर ने कहा कि अगर जल्द ही मस्जिद को अवैध घोषित कर उसे नहीं तोड़ा गया, तो संगठन अपने स्तर पर मस्जिद को गिराने की कार्रवाई करेगा। ठाकुर ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास मस्जिद के अवैध निर्माण के पुख्ता सबूत हैं और वे इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
एसडीएम आर एस मरावी ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि मस्जिद के निर्माण की पूरी जांच कराई जाएगी और दस्तावेजों का गहराई से परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की और कहा कि किसी भी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में
प्रदर्शन के दौरान माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण रहा, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी और प्रशासन के सख्त रवैये के कारण किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के बाद क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए सतर्कता बढ़ा दी है।
मस्जिद को सील करने के आश्वासन के बाद खत्म हुआ प्रदर्शन
रांझी SDM के द्वारा फिलहाल मस्जिद को सील करने का आश्वासन दिया है जिसके बाद फिलहाल, इलाके में शांति बनी हुई है, लेकिन हिंदूवादी संगठनों द्वारा दिए गए अल्टीमेटम को देखते हुए स्थिति फिर से गंभीर हो सकती है। अब सबकी निगाहें प्रशासनिक जांच और आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं।
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