अवैध वसूली करने वाले स्कूलों को हाईकोर्ट से झटका , जांच और गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार

स्कूल संचालकों की ओर से कहा गया कि वे जांच में सहयोग करने को तैयार हैं। उन पर पुलिस कार्रवाई न की जाए। वहीं, प्रशासन का कहना था कि आरोपी स्कूल संचालकों और उनके गठजोड़ पर पुलिस कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वो जांच प्रभावित कर सकते हैं।

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Marut raj
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Jabalpur School Fee Scam द सूत्र
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Jabalpur School Fee Scam : जबलपुर में अवैध फीस वसूली करने वाले स्कूल संचालकों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने आरोपियों की याचिका को खारिज कर दिया है। इसमें उन्होंने जिला प्रशासन की जांच और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी। ज्ञात हो कि जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर के 11 स्कूलों से जुड़े 21 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इसके बाद जबलपुर पुलिस ने सभी को गिरफ्तार करते हुए कोर्ट में पेश किया। कुछ लोगों को जेल भेजा गया, जबकि कुछ गुरुवार तक पुलिस रिमांड में थे। जबलपुर स्कूल फीस स्कैम

कोर्ट ने माना गंभीर मामला

स्कूल संचालकों ने पुलिस की जांच कार्रवाई और गिरफ्तारी पर रोक को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस पर गुरुवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने स्कूल संचालकों के द्वारा अभिभावकों से मांगी गई फीस को गंभीर माना है। ऐसे में अब 11 स्कूलों के 21 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने की बात भी कही है।

ज्ञात हो कि जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर पुलिस-प्रशासन और शिक्षा विभाग ने पूरे जिले में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 60 से अधिक स्कूलों में जांच करवाई। इसमें 11 स्कूलों की गंभीर लापरवाही पाई थी।

अवैध फीस वसूली के अपराध में पुलिस-प्रशासन की जद में आए निजी स्कूल संचालकों की गिरफ्तारी और जांच को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस पर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए अवैध फीस वसूली में आरोपी बनाए गए निजी स्कूल संचालकों को राहत नहीं देने से इंकार कर दिया है।

सहयोग करने को तैयार, गिरफ्तार न किया जाए

जिला प्रशासन की कार्रवाई के दौरान दोषी पाए गए निजी स्कूल संचालकों ने जांच और पुलिस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई की गई। हाईकोर्ट में स्कूलों की ओर से कहा गया कि एफआईआर दर्ज हो चुकी है और वो जांच में सहयोग करने तैयार हैं। उन पर पुलिस कार्रवाई न की जाए।

बच्चों के भी साथ किया अनहित

शासन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि स्कूलों ने अवैध रूप से अतिरिक्त फीस ही नहीं वसूली है, बल्कि बुक सेलर्स से सांठगांठ कर फर्जी किताबें सिलेबस में लगाने का अपराध भी किया है। ये बच्चों का भी अनहित करने जैसा है।

 सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि अगर आरोपी स्कूल संचालकों और उनके गठजोड़ पर पुलिस कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वो जांच को प्रभावित कर सकते हैं, क्योंकि पुलिस और प्रशासन को अभी उनके स्कूलों से और भी कई दस्तावेज जब्त करने हैं। इन तमाम दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट जस्टिस विशाल धगट की कोर्ट ने निजी स्कूल संचालकों को राहत देने से इंकार कर दिया है।

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