जबलपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर सिहोरा के खितौला थाने ( Khitola Police Station ) से एक ऐसी घटना सामने आई है। यहां 40 गोवंशों को बिना पोस्टमार्टम किए दफनाने का प्रयास किया जा रहा था। इस घटना की जानकारी जब विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ताओं को मिली और उन्होंने मौके पर पहुंचकर इसका विरोध किया।
दम घुटने से हुई गोवंश की मौत
जानकारी के अनुसार यह गोवंश देवास से आ रहे एक ट्रक से पकड़े गए थे, जिसका एक्सीडेंट हाईवे में एक कंटेनर से हुआ था। जब गोवंशों की मौत हो गई, तो पुलिस और वेटरनरी डॉक्टरों की एक टीम ने बिना किसी को सूचना दिए उन्हें दफनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। खितौला थाने में काम पर लगी जेसीबी मशीन की मदद से एक बड़ा गड्ढा खोदकर लगभग 10 गायों को दफनाने का प्रयास किया गया। हालांकि, जब विहिप के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए और पुलिस से पूछा कि मृत गोवंशों का पोस्टमार्टम क्यों नहीं किया गया। जिसके बाद हंगामे की स्थिति बनी रही।
विहिप का पुलिस पर आरोप
विहिप कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही थी और गोवंशों की मौत के सही कारणों की जांच नहीं कर रही थी। उनका कहना है कि पुलिस प्रशासन को पहले पोस्टमार्टम करवाना चाहिए था, ताकि गायों की मौत के असली कारणों का पता चल सके।
पुलिस की भूमिका संदिग्ध
इस पूरे मामले में खितौला थाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हुए हैं। पुलिस ने थाने में काम पर लागी जेसीबी मशीन के जरिए गौवंश को तब दफनाने की कोशिश की जब उनका पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ था। वेटरनरी डॉक्टर ने बताया की उन्हें पोस्टमार्टम के लिए साधन उपलब्ध नहीं कराए गए तो थाना प्रभारी संगीता सिंह ने दो टूक कहा कि यह काम पुलिस का नहीं है। फिर भी आनन-फानन में पुलिस ने जेसीबी क्यों उपलब्ध कराई यह समझ से परे है। जानकारी के अनुसार एक गाय का पोस्टमार्टम किया गया है और प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, उनकी मौत दम घुटने से हुई है। यह संभावना जताई जा रही है कि ट्रक में बड़ी संख्या में भरे गए गोवंशों के कारण उन्हें पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिली, जिससे उनकी मौत हो गई।
थाना प्रभारी ने दी सफाई
मामले में खितौला की थाना प्रभारी संगीता सिंह ने बताया कि हाईवे में एक कंटेनर और ट्रक दुर्घटना का शिकार हुए थे। ट्रक में लगभग 40 गोवंश मिले थे। गोवंश बुरी तरह ट्रक में भरे गए थे इसलिए पूरी तरह से गिनती नहीं हो सकी, इसलिए यह संख्या अधिक भी हो सकती है। थाना प्रभारी ने बताया कि उनके द्वारा पोस्टमार्टम के लिए वेटरनरी विभाग की डॉक्टर नीता को सूचना दी गई थी। इसके बाद की कार्रवाई की जिम्मेदारी वेटरनरी विभाग की थी। वेटरनरी विभाग को वहां न देने और गोवंश को दफनाने के लिए जेसीबी उपलब्ध कराने के सवाल पर उन्होंने जवाब दिया कि थाने में निर्माण कार्य चल रहा था और इस जेसीबी को इसलिए उपलब्ध कराया गया क्योंकि नगर निगम के द्वारा जेसीबी उपलब्ध नहीं कराई गई थी।
विहिप कार्यकर्ताओं ने दिया धरना
विहिप कार्यकर्ताओं ने इस घटना के विरोध में धरना शुरू कर दिया है और आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की। विहिप कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक इस मामले में न्याय नहीं मिलता और सभी गोवंशों का पोस्टमार्टम नहीं किया जाता, तब तक वे धरना जारी रखेंगे।
पुलिस प्रशासन ने मामले को शांत करने की कोशिश की और बताया कि गोवंशों की मौत की पूरी जांच की जा रही है। लेकिन विहिप के कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे तब तक नहीं हटेंगे, जब तक सभी गोवंशों की मौत का सही कारण स्पष्ट नहीं हो जाता और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाती। बीते दिनों कटंगी सहित अन्य जगहों पर गोवंश के शव मिलने के बाद मचे हंगामा को देखते हुए इस मामले में यह नजर आ रहा है कि पुलिस के द्वारा मामले को दबाने की पुरजोर कोशिश की गई है।
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