मानसून की शुरुआत होते ही भारी बारिश के बाद दूषित पानी से जबलपुर में कई इलाकों में डायरिया के मरीज सामने आए थे अब शहर में स्वाइन फ्लू ने भी दस्तक दे दी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मेडिकल की बायोलॉजी लैब में टेस्ट के लिए भेजे गए 24 सैंपल्स में से 11 सैंपल पॉजीटिव पाए गए हैं वही अभी 9 सैंपल टेस्ट होना बाकी है।
अलग-अलग अस्पतालों में हो रहा है मरीजों का इलाज
स्वाइन फ्लू के मरीजों के उपचार के लिए जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। निजी अस्पताल भी इस तरह के आइसोलेशन वार्ड की सुविधा दे रहे हैं। जबलपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजय मिश्रा ने बताया की निजी अस्पतालों की लैब में किए गए टेस्ट को शासकीय स्तर पर मान्य नहीं किया जाता है। निजी लैब में पॉजिटिव आए मरीजों के सैंपल मेडिकल अस्पताल में हाइटेक लब में टेस्ट किए जाते हैं जिसके बाद ही इन्हें पोर्टल पर दर्ज किया जाता है। 6 अगस्त तक भेजे गए कुल 24 में से 11 सैंपल पॉजीटिव आए हैं वहीं 9 सैंपलों की जांच अभी बाकी है इन सभी 11 मरीज का अलग-अलग अस्पताल में इलाज चल रहा है।
स्वाइन फ्लू के लिए भी कोरोना के जैसी ही हिदायत
H1N1 वायरस के जरिए होने वाले स्वाइन फ्लू में भी कोरोना के जैसे ही सावधानी बरतने की आवश्यकता है। सर्दी खांसी के साथ इस बीमारी का मुख्य लक्षण यह होता है कि गले में तकलीफ के साथ सांस लेना मुश्किल हो जाता है। जबलपुर के सीएमएचओ संजय मिश्रा के अनुसार इस बीमारी में भी मरीज को आइसोलेशन में रखने की जरूरत होती है।
क्या हैं एच1एन1 स्वाइन फ्लू
एच1एन1फ्लू, इन्फ्लूएंजा ए वायरस का एक प्रकार है। इसे स्वाइन फ्लू कहा जाता हैं और यह इन्फ्लूएंजा वायरस का एक नया संयोजन था जो सूअरों, पक्षियों और इंसानों को संक्रमित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2009 में H1N1 फ्लू को महामारी घोषित किया था। उस वर्ष इस वायरस के कारण दुनिया भर में लगभग 2 लाख 84 हजार 400 मौतें हुईं। अगस्त 2010 में, WHO ने महामारी के खत्म होने की घोषणा की, लेकिन महामारी से निकला H1N1 फ्लू स्ट्रेन मौसमी फ्लू का कारण बनने वाले स्ट्रेन में से एक बन गया।
यह है इस बीमारी के लक्षण
आमतौर पर स्वाइन फ्लू के लक्षण संक्रमण के संपर्क में आने के चार दिन के भीतर दिखाई देने लगते हैं। इस बीमारी के लक्षण आम बुखार की तरह ही होते हैं, लेकिन यह वयस्कों की तुलना में बच्चों में अधिक आम है। अगर आपको इस फ्लू के आपातकालीन लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
- सांस लेने में तकलीफ
- त्वचा के रंग के आधार पर त्वचा, होंठ या नाखूनों का रंग पीला, धूसर या नीला होना
- छाती में दर्द होना
- पेशाब ना आना
- मांसपेशी में ज्यादा दर्द
- दौरे आना