सेंट्रल जीएसटी विभाग ने जबलपुर में सेंचुरी डेवलपर्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा की जीएसटी चोरी का खुलासा किया है। विभाग ने कंपनी के उखरी रोड स्थित मुख्य कार्यालय बलदेव बाग की साइट और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की। जांच में सामने आया कि कंपनी ने जमीन की बिक्री से अर्जित आय पर जीएसटी का भुगतान नहीं किया था। साथ ही, फाइल की गई जीएसटी रिटर्न्स में भी 10 लाख रुपए की अनियमितता पाई गई है।
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ऐसे हुआ मामले का खुलासा
सेंट्रल जीएसटी विभाग ने सेंचुरी डेवलपर्स के वित्तीय दस्तावेजों की गहन पड़ताल की। जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि कंपनी ने अपने ग्राहकों से जमीन की बिक्री पर बड़ी धनराशि प्राप्त की, लेकिन इस लेन-देन पर जीएसटी लागू नहीं किया। विभाग ने पाया कि फर्म ने जानबूझकर इन लेन-देन को छिपाने और टैक्स बचाने की कोशिश की थी। जांच के दौरान कंपनी के बलदेवबाग स्थित कार्यालय और निर्माण स्थलों पर छापेमारी की गई। यहां से कई जरूरी दस्तावेज बरामद किए गए, जिनसे जीएसटी चोरी की पुष्टि हुई है। अधिकारियों ने पाया कि फर्म ने रियल एस्टेट से संबंधित लेन-देन को सही ढंग से जीएसटी रिटर्न में दर्ज नहीं किया था।
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फर्म के मालिक और कर्मचारियों से हुई पूछताछ
सेंट्रल जीएसटी की टीम ने सेंचुरी डेवलपर्स के मालिक और कर्मचारियों से पूछताछ की। शुरुआत में तो कंपनी ने इसे प्रशासनिक गलती बताया, लेकिन विभाग द्वारा पेश किए गए सबूतों के बाद उन्होंने चुप्पी साध ली। अधिकारियों ने इस बात की भी जांच शुरू कर दी है कि क्या इस टैक्स चोरी में अन्य एजेंसियां भी शामिल थीं।
कंपनी से होगी बकाया वसूली
विभाग अब कंपनी से बकाया जीएसटी की वसूली और भारी जुर्माना लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही, यह भी संभावना है कि कंपनी पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला केवल जीएसटी चोरी तक सीमित नहीं हो सकता, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य वित्तीय अनियमितताओं की भी संभावना है।
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