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जबलपुर जिले के कुंडम तहसील के आदिवासी बाहुल्य जैतपुरी गांव में सरकारी योजनाओं में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। कुछ मृत आदिवासियों को सरकारी कागजों में जिंदा दिखाकर उनके नाम से कर्मकार कार्ड बनवाया गया। बाद में उन्हें फिर से मृत घोषित कर, सहायता राशि के 2 लाख रुपए निकाल लिए गए।
घटना का खुलासा कैसे हुआ?
जैतपुरी गांव की मुलिया बाई ने बताया कि उनके पति गुड्डा सिंह आदिवासी (38) की मौत 2020 में हो गई थी। 2022 में कुछ लोग उनके घर आए, दस्तावेज लिए, और बैंक ले जाकर अंगूठा लगवाया। उन्हें 40,000 रुपए देकर वापस भेज दिया।
गुड्डा सिंह के नाम से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र 9 अगस्त 2022 को जारी किया गया। इससे पहले, 2 अप्रैल 2022 को उनके नाम पर कर्मकार कार्ड बनाकर सहायता राशि पास कर दी गई। इस खेल में तत्कालीन सरपंच नरेंद्र सिंह मरावी, सचिव बद्री प्रसाद कोल और समन्वय अधिकारी हीरालाल बरकड़े की भूमिका सामने आई है।
अन्य मामले भी उजागर
प्रभात कुमार और कोदूलाल जैसे अन्य मृत व्यक्तियों के नाम पर भी फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर कर्मकार कार्ड के जरिए धनराशि निकालने की कोशिश की गई। हालांकि, जांच के दौरान ये आवेदन फर्जी पाए गए और निरस्त कर दिए गए।
सरकारी प्रतिक्रिया
कुंडम जनपद पंचायत के सीईओ पीएल यादव ने बताया कि इस मामले में रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। संबंधित अधिकारियों और सरपंच को नोटिस जारी किए गए हैं।
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